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The whole city reverberated with the chants of Ganpati Bappa | गणपति बप्पा के जयकारों से गूंज…

चित्तौड़गढ़ में बुधवार रात गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शहर के हर मोहल्ले, चौराहे और गली में गणपति बप्पा की स्थापना धूमधाम से की गई। जैसे ही रात ढली, वैसे ही ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों की गूंज से पूरा शहर भक्तिमय

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गणपति बप्पा की हुई स्थापना और आरती

रात को हर पांडाल में विधिपूर्वक गणेश जी की स्थापना की गई। भक्तों ने भक्ति भाव से आरती की और गणपति बप्पा के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। स्थापना के बाद से ही दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर उम्र के लोग बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा बड़ी श्रद्धा से बप्पा के दर्शन करने पहुंचे।

थीम और सजावट ने खींचा ध्यान

इस बार विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने अपने-अपने पंडालों में विशेष थीम अपनाई। खासकर “हिंदू राष्ट्र” की थीम ने लोगों का ध्यान खूब खींचा। इसके अलावा भी कई पंडालों में पारंपरिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक झलक देखने को मिली। मूर्तियां भव्य और सुंदर थीं, जो कलाकारों की मेहनत को दर्शा रही थीं। लाइटिंग, फूलों और रंगीन सजावट से पंडाल और भी आकर्षक लगे।

आध्यात्मिक आनंद के साथ मनोरंजन भी

गणेश उत्सव ने लोगों को भक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक मनोरंजन का अवसर भी दिया। यह उत्सव न सिर्फ धार्मिक भावना का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक एकता, सहयोग और संस्कृति की जीवंतता का भी संदेश देता रहा। चित्तौड़गढ़ का यह गणेश उत्सव भक्ति और आनंद का एक सुंदर संगम बन गया है।

ग्रुप : सूर्य दल

थीम : तिरुपति बालाजी

सूर्य दल की ओर से पावटा चौक पर लगभग 12 फीट ऊंची गणपति प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसे तिरुपति बालाजी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह विशेष मूर्ति पूरी तरह से बांस से तैयार की गई है, जिसे बनाने में करीब 40 दिन का समय लगा। समूह के सदस्यों रतन प्रजापत, राजकुमार, बोतलाल और मोहनीश ने बताया कि मूर्ति को आकर्षक ढंग से श्रृंगारित किया गया है और इसे पूरी तरह इको फ्रेंडली रखने का विशेष ध्यान रखा गया है। इस अनोखी मूर्ति का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार कमल प्रजापत द्वारा किया गया है।

ग्रुप : प्रकाश दल

थीम : अखंड भारत

सुभाष चौक पर स्थापित गणपति जी की प्रतिमा को बाल स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। इस थीम में अखंड भारत की कल्पना को दर्शाते हुए भगवान शिव और मां पार्वती को संसार का रचयिता बताया गया है, जबकि उनके पुत्र गणेश जी को उनका सिरमौर दर्शाया गया है। लगभग 28 फीट ऊंची यह विशाल मूर्ति अपने आकार और संदेश दोनों के माध्यम से दर्शकों को आकर्षित कर रही है।

ग्रुप : श्री बड़ा गणपति महोत्सव समिति

थीम : चील के चोंच पर झुला झूलते गणेश जी

पद्मिनी पार्क में स्थापित श्री बड़ा गणपति महोत्सव समिति ने गणेश जी की प्रतिमा को एक बेहद अनोखे और कल्पनाशील रूप में पेश किया है। लगभग 18 फीट ऊंची इस मूर्ति में एक विशाल चील की चोंच से कपड़ा लटकता हुआ दिखाया गया है, जिसमें गणपति जी झूला झूलते नजर आते हैं। इस अनोखे और अलग प्रस्तुति ने लोगों का ध्यान तुरंत अपनी ओर खींच लिया और हर किसी की नजरें इस अनोखी मूर्ति पर ठहर गईं।

ग्रुप : प्रतापनगर

थीम : हिंदू राष्ट्र

प्रताप नगर में स्थापित लगभग 8 फीट ऊंची गणपति जी की मूर्ति को “हिंदू राष्ट्र” थीम पर आधारित रूप में पेश किया गया है। गणेश जी को प्रताप नगर का राजा घोषित करते हुए यह दिखाया गया है कि हिंदू राष्ट्र पर अलग-अलग संकटों का रूप लिए सांपों ने चारों ओर से घेरा हुआ है, लेकिन भगवान गणेश ने उसे अब भी सुरक्षित रखा है। यह प्रस्तुति दर्शाती है कि पूरे विश्व और अखंड भारत का सुरक्षा कवच स्वयं भगवान गणेश हैं।

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