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Earth is polluted by chemical farming, protection of cow and earth is necessary, environment…

राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत कृषि सखियों के पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण बुधवार को विद्या भवन कृषि विज्ञान केन्द्र, बड़गांव में शुरू हुआ। इसमें उदयपुर जिले की 50 कृषि सखियां हिस्सा ले रही हैं।

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कार्यक्रम में सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा कि पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य बेहतर बनाने के लिए गौ माता व धरती माता का संरक्षण आवश्यक है। मानव कल्याण से जुड़े इस कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन प्रारंभ किया है। उन्होंने कहा कि कृषि सखियां प्रशिक्षण में प्राकृतिक खेती को सीख कर आगे बढ़ावा दें। प्राकृतिक खेती की संपूर्ण जानकारी लें एवं प्रायोगिक सीख कर जाएं ताकि अन्य किसानों को भी फायदा होगा। अटारी जोधपुर के निदेशक डॉ. जे.पी. मिश्र ने कहा कि जमीन स्तर पर प्राकृतिक खेती को धरातल पर ले जाना, चुनौती है। अतः इसे सक्रिय रूप में बढ़ावा व योगदान देने की आवश्यकता है।

वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं संस्था प्रमुख डॉ. पी.सी. भटनागर ने प्राकृतिक खेती में प्रशिक्षण का पूर्ण विवरण दिया। अतिरिक्त निदेशक (कृषि) निरंजन सिंह राठौड़ ने कहा कि प्राकृतिक खेती को आगे से आगे बढ़ाएं। दीपक शर्मा ने बताया कि सखियां प्राकृतिक खेती को धरातल स्तर पर ले जाएं ताकि उद्देश्य पूरा हो सके। संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) सुधीर वर्मा ने बताया कि रसायन से जो हिंसक खेती हो रही है। उससे और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जाए, साथ ही उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया और बताया कि इसमें सभी उत्पाद गो-आधारित होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षित एवं पोषक खाद्य उपलब्ध करना है। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. भगवत सिंह चौहान ने पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया कि इसमें प्राकृतिक खेती के मुख्य घटकों बीजामृत, जीवामृत, घन जीवामृत, अग्निस्त्र, ब्रह्मास्त्र, नीमास्त्र, दस पर्णी अर्क व अन्य घटकों की सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक कक्षाएं होंगी।

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