MLA and MP tickets will not be available without passing the test of ‘DNA’ change | कांग्रेस का…

कांग्रेस आलाकमान के दल बदलू नेताओं को लेकर तय किए फार्मूले को सबसे पहले राजस्थान में लागू करने की तैयारी है। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी या अन्य दलों में गए नेताओं की अब ‘डीएनए’ बदलाव तक अग्नि परीक्षा ली जाएगी। 5 से 6 साल तक न एमएलए-एमपी सीट का टिकट दिया
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हालांकि यह फार्मूला लिखित नहीं है, लेकिन प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने लागू करने का ऐलान कर दिया है। पीसीसी चीफ डोटासरा भी इससे सहमत दिख रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी छोड़कर गए 24 बड़े नेताओं में से 23 की वापसी होने पर भी उनको टिकट पर संकट रहेगा। इस कड़ाई के साथ संगठन के मौजूदा ढांचे पर भी सख्ती का विचार है। करीब 35 से अधिक राज्य, जिला और ब्लाक पार्टी पदाधिकारियों को सबसे पहले बाहर करने की तैयारी है। ऐसे में 20 जिलों में कई पदों पर बड़े बदलाव, टीम में बिखराव भी दिख सकता है।
अमीन के बाद जागी थी उम्मीदें
पिछले दिनों दिल्ली के आर्डर से पूर्व मंत्री अमीन खान की कांग्रेस में वापसी हुई। लेकिन पूर्व विधायक मेवाराम जैन, गोपाल गुर्जर, रामचंद्र सराधना, बलराम यादव, कैलाश मीणा और खिलाड़ी लाल बैरवा जैसे 23 नेताओं की वापसी होनी हैं। ये सभी नेता कभी अपने-अपने इलाकों में कांग्रेस के मजबूत चेहरे रहे हैं। विवाद, पार्टी विरोधी गतिविधि, या बड़बोलेपन की वजह से कई को पार्टी से निष्कासित किया गया था।
50 दिन में आएंगे 35 नेताओं पर कार्रवाई के पत्र
कांग्रेस राज्य में कई निष्क्रिय पीसीसी पदाधिकारियों को बदलने वाली है। नए चेहरों को प्रदेश स्तर पर लिया जाएगा। अगले 50 दिन में 35 नेताओं को निकालने के पत्र जारी हो सकते हैं। नई कार्यकारिणी की सूची फाइनल की जा रही है। निष्क्रिय पदाधिकारियों की तथ्यों सहित रिपोर्ट बनाई जा रही है। उनको निकालने का कारण भी बताया जाएगा। सबसे अधिक नाम प्रदेश सचिव स्तर के नेताओं के हैं। कुछ जिला अध्यक्षों पर भी गाज गिरेगी। रंधावा और डोटासरा उनके नाम फाइनल कर रहे हैं।