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‘भारत जोड़ो यात्रा जैसा ही होगा वोटर अधिकार यात्रा का हाल’, राहुल गांधी पर क्यों भड़के आचार्य…

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बुधवार (27 अगस्त, 2025) को बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्‍व में जारी वोटर अधिकार यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्‍होंने कहा कि इस यात्रा में भाव, जज्‍बा और प्रभाव की कमी है यानी यात्रा में आत्‍मा नहीं है.

उन्होंने कहा कि वोटर अधिकार यात्रा राहुल गांधी के नेतृत्‍व में निकाली जा रही है. यह यात्रा बिहार में होने वाले चुनाव को देखकर निकाली जा रही है. वास्‍तविकता यह है कि इस यात्रा की कोई आत्‍मा ही नहीं है. यात्रा सिर्फ पैदल चलना, कार से चलना या अन्य किसी वाहन से चलना नहीं है. यात्रा का भाव, जज्बा और प्रभाव होता है, जो कि उसके अंदर नहीं है. यह यात्रा भीड़ जुटाने के लिए हो रही है.

भारत जोड़ो यात्रा में भारत को तोड़ने वाले चले थे साथ- आचार्य प्रमोद

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘जयप्रकाश नारायण, चंद्रशेखर, स्वामी विवेकानंद, विनोबा भावे, महात्मा गांधी जैसी महान आत्माओं की यात्राएं थी, उसका सीधा प्रभाव भारत के आमजन पर पड़ता था, लेकिन बिहार में वोटर अधिकार यात्रा में आत्मा नहीं है, वह सिर्फ शरीर है.’ उन्होंने कहा, ‘इस यात्रा का परिणाम भी भारत जोड़ो यात्रा जैसा ही होगा. भारत जोड़ो यात्रा के अंदर भारत को तोड़ने वालों को ही लेकर चले थे, वही हाल बिहार की यात्रा का होगा.’

प्रधानमंत्री पद पर 2029 तक नहीं है वैकेंसी- आचार्य प्रमोद

कृष्णम ने राहुल गांधी का नाम लेकर कहा कि प्रधानमंत्री के पद पर 2029 तक वैकेंसी नहीं है. इस पद पर प्रधानमंत्री मोदी विराजमान हैं. राहुल गांधी के साथ चलने वाले वामपंथी हैं और वे राहुल को मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाते रहते हैं. पीएम मोदी को कुछ भी कह देने का नाम राजनीति नहीं है. विपक्ष पीएम मोदी को लेकर अनर्गल बयान देता रहता है. यह गलती उन्होंने 2014, 2019 और 2024 में की थी. जनता सब जानती है.’

अगर चुनाव आयोग चोर है तो विपक्ष लोकसभा से दे दे इस्तीफा- आचार्य प्रमोद

उन्होंने कहा, ‘अगर चुनाव आयोग चोर है तो सबसे पहले विपक्ष के लोग लोकसभा से इस्तीफा दें, क्योंकि आप लोग इसी आयोग की ओर से जारी किए गए सर्टिफिकेट से लोकसभा जाते हैं. अगर आयोग चोर है तो फिर राहुल गांधी की सीट वायनाड और रायबरेली से कैसे आ गई. विपक्ष को खुद नहीं पता कि वे करना क्‍या चाहते हैं.’

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