जनसभा से नहीं पदयात्रा से खत्म होगी ‘वोटर अधिकार यात्रा’, भीड़ देख राहुल-तेजस्वी ने बदला…

बिहार में राहुल गांधी के नेतृत्व में जारी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का समापन एक सितंबर को गांधी मैदान में पूर्व-घोषित जनसभा के बजाय अब पदयात्रा से होगा, जिसमें महागठबंधन के कई प्रमुख नेता और समर्थक शामिल होंगे. सूत्रों ने बुधवार (27 अगस्त, 2025) को यह जानकारी दी.
सूत्रों का कहना है कि अस्थायी तौर पर तय नये कार्यक्रम के मुताबिक, राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और महागठबंधन के कई अन्य नेता गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से पटना हाई कोर्ट के निकट बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर प्रतिमा तक पदयात्रा करेंगे. इस पदयात्रा का पूरा रूट अगले एक-दो दिन में तय हो जाएगा.
इस दिन समाप्त होगी ‘वोटर अधिकार रैली’
सूत्रों का कहना है कि पदयात्रा के आखिर में प्रमुख नेताओं का संबोधन भी हो सकता है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पहले घोषणा की थी कि ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का समापन एक सितंबर को पटना के गांधी मैदान में ‘वोटर अधिकार रैली’ के साथ होगा.
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की इस यात्रा में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और कुछ अन्य नेता शामिल हो चुके हैं और आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कुछ अन्य नेता भी भाग लेने वाले हैं.
जनसभा की जगह पदयात्रा कार्यक्रम का फैसला
सूत्रों का यह भी कहना है कि कार्यक्रम में बदलाव की एक बड़ी वजह यह भी है कि एक सितंबर को ‘इंडिया’ गठबंधन के कुछ प्रमुख नेताओं की उपलब्धता संभव नहीं हो पा रही थी. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि जनसभा की जगह पदयात्रा कार्यक्रम का फैसला कुछ दिनों पहले हुआ.
राहुल गांधी ने बिहार में निर्वाचन आयोग के मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी घटक दलों की ओर से समर्थित ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की है. सासाराम से 17 अगस्त को शुरू हुई 16-दिवसीय यात्रा एक सितंबर को पटना में समाप्त होगी. बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
इन मार्गों से होकर गुजरी यात्रा
यह यात्रा अब तक रोहतास, औरंगाबाद, गयाजी, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर से होकर गुजर चुकी है. अब यह यात्रा सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, सारण, भोजपुर और पटना जिलों से होकर गुजरेगी.
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