असम में अवैध बांग्लादेशियों पर बड़ी कार्रवाई, CM हिमंत बिस्वा सरमा बोले- ‘3 दिनों में 51…

असम में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर मंगलवार (26 अगस्त, 2025) को बड़ी कार्रवाई की गई है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पिछले तीन दिनों में 24 से 26 अगस्त तक असम-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास श्रीभूमि (पूर्व में करीमगंज) जिले में अवैध रूप से घुसे कुल 51 संदिग्ध बांग्लादेशी घुसपैठियों को हिरासत में लेकर उन्हें वापस भेज दिया गया है.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि रविवार (24 अगस्त, 2025) को 30 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि मंगलवार (26 अगस्त, 2025) को श्रीभूमि सीमा के पास से 21 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया गया.
असम में जारी रहेंगे घुसपैठ-रोधी अभियान- मुख्यमंत्री
हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार (26 अगस्त, 2025) की शाम में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में सीएम ने कहा, ‘दो अलग-अलग घटनाओं में हमने श्रीभूमि सेक्टर से 21 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजा. यह हमारे घुसपैठ-रोधी अभियान को और मजबूत करता है.’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ पर लगातार कार्रवाई करती रहेगी. उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘जहां सबसे ज्यादा चोट लगे, वहीं मारो और उन्हें वहीं वापस भेज दो, जहां से वे आएं हैं. ये अभियान लगातार जारी रहेंगे.’
HIT where it hurts the most, send them back to their host.
In two separate instances, we PUSHED BACK, 21 illegal Bangladeshi infiltrators from the Sribhumi sector, further bolstering our anti- infiltration efforts.
These drives WILL CONTINUE UNABATAED. pic.twitter.com/zaJEHkEJ8Z
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 26, 2025
असम पुलिस ने रविवार को 36 बांग्लादेशी घुसपैठियों को किया था गिरफ्तार
असम पुलिस ने रविवार (24 अगस्त, 2025) को 36 बांग्लादेशी घुसपैठियों को हिरासत में लिया था, जिन्हें बाद में वापस भेज दिया गया. इनमें से 30 श्रीभूमि में और 6 असम के दक्षिण सालमारा मनकाचर जिले में पकड़े गए थे. वहीं, इन छह लोगों में दो बच्चे भी शामिल थे.
जबकि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (25 अगस्त, 2025) को जानकारी साझा करते हुए एक्स हैंडल पर कहा, “सतर्क निगाहें और त्वरित कार्रवाई. 36 अवैध बांग्लादेसी घुसपैठियों को श्रीभूमि और दक्षिण सालमारा से वापस भेज दिया गया. ये घुसपैठिए हमारी डेमोग्राफी को बदलते हैं और असम के मूल निवासियों के अधिकारों का हनन करते हैं. इसलिए इन्हें वहीं भेजा जाएगा, जहां इनकी असली जगह है.”