‘वो यूट्यूब के संत हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए’, रामभद्राचार्य के समर्थन में उतरे अयोध्या के…

वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य की टिप्पणी के बाद अब अयोध्या के परमहंस आचार्य ने रामभद्राचार्य का समर्थन किया है. अयोध्या के तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने बुधवार (27 अगस्त, 2025) को कहा है कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज के लिए जो भी कुछ कहा कि वे पूर्ण रूप से उनका समर्थन करते हैं. इसके साथ उन्होंने प्रेमानंद महाराज से यह भी कहा कि उन्हें अपने दिए बयान के लिए राधा रानी से क्षमा मांगनी चाहिए.
रामभद्राचार्य और प्रेमानंद विवाद पर क्या बोले परमहंस आचार्य
जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा, ‘तुलसी पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद्गुरु रामानंद आचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने प्रेमानंद महाराज को लेकर जो भी कहा है, वह बिल्कुल सही कहा है. मैं उनके कथन का पूर्ण रूप से समर्थन करता हूं और प्रेमानंद ने जो अपने उपदेश के दौरान कहा कि 100 में से सिर्फ 2-4 कन्याएं हीं पवित्र हैं, यह राधा रानी का अपमान है.’
उन्होंने कहा, ‘कन्या स्वयं साक्षात श्री की रूप होती हैं, वे राधा रानी की स्वरूप हैं. इसीलिए लोग कन्या पूजन करते हैं. आप अपने मन से 25 साल-30 साल की लड़कियों को कन्या मत कहिए, शास्त्रों के मुताबिक, 10 साल तक की बच्ची को ही कन्या कहा गया है. इसलिए कन्या शब्द कहकर जो प्रेमानंद महाराज ने जो बयान दिया है, वह अशास्त्रीय है. यह साधुता को कलंकित करने वाला है और मानवता को कलंकित करने वाला है.’
प्रेमानंद सिर्फ यूट्यूब के संत हैं: परमहंस आचार्य
परमहंस आचार्य ने कहा, ‘इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि प्रेमानंद ने अपनी गलती को नहीं माना. उन्हें यह कहना चाहिए कि मेरे मुख से यह बात गलती से निकल गई. लेकिन वह अपने घमंड में अपने बयान पर कायम हैं. सनातन धर्म के सबसे बड़े आचार्य पूज्य तुलसी पीठाधीश्वर सरकार हैं और पूरी धरती पर उनका सम्मान हैं, हाल ही में विद्वानों का जो सबसे बड़ा सम्मान है ’ज्ञानपीठम’, वह महामहिम राष्ट्रपति से उनको प्राप्त हुआ है. वहीं, प्रेमानंद जी यूट्यूब के संत हैं. पिछले दो साल से उनके अनुयायी उनके वीडियो को यूट्यूब पर चलाते हैं और आजकल सोशल मीडिया से लोग अच्छा खासा पैसा कमा ले रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘तुलसी पीठाधीश्वर सरकार पूरी तरह से शास्त्रीय बात करते हैं. उन्होंने पूरी निष्पक्षता से यह बात कही है कि अगर प्रेमानंद पर राधा रानी की जरा भी कृपा हो या सिद्ध हों, तो वे एक श्लोक ही शुद्ध रूप से बोलकर सुना दें या स्वामी रामभद्राचार्य जो श्लोक बोलें उसकी हिंदी में अर्थ बता दें. लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा, क्योंकि प्रेमानंद सिर्फ यूट्यूब के संत हैं और यूट्यूब से ही उनकी प्रसिद्धि है.’
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