माधुरी ने ठुकरा दी थी गोविंदा की फिल्म, निहलानी बोले- ‘मुझे बहुत गुस्सा आया था’

माधुरी दीक्षित ने 1984 में हीरेन नाग की फिल्म ‘अबोध’ से बॉलीवुड में कदम रखा था, जिसे सूरज बड़जात्या की राजश्री फिल्म्स ने प्रोड्यूस किया था. लेकिन 1994 की ब्लॉकबस्टर रोमांटिक फिल्म हम आपके हैं कौन..! से वो सच में सुपरस्टार बनीं. उस पहले उन्हें लगभग 5 से 10 साल तक काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
फिल्म मेकर पहलाज निहलानी ने बताया कि सफलता पाने के लिए माधुरी दीक्षित ने कई फिल्मों को मना कर दिया. इसमें उनके साथी नए अभिनेता गोविंदा के साथ काम करने के मौके भी शामिल थे.
‘तब मुझे गुस्सा आया…’
पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में निहलानी ने याद करते हुए कहा- ‘मैंने माधुरी को गोविंदा के साथ एक फिल्म में कास्ट किया था. दूसरे निर्माताओं ने माधुरी को दूर रखने के लिए एक ग्रुप बना लिया था. वह दूसरी फिल्में चुनती रहीं, इसलिए मैंने उनकी जगह नीलम को कास्ट किया. लेकिन माधुरी की फिल्में बंद होती रहीं. मैंने उन्हें आग ही आग (1987) और पाप की दुनिया (1988) ऑफर कीं, लेकिन वो मना करती रहीं क्योंकि वो किसी नए कलाकार के साथ काम नहीं करना चाहती थीं. तब मुझे गुस्सा आया.’
रिक्कू की फ्लॉप फिल्मों पर निहलानी का खुलासा
इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्होंने रिक्कू राकेश नाथ को माधुरी का सचिव बनाने में मदद की थी, जो बाद में फिल्म निर्माता भी बने. निहलानी ने कहा कि रिक्कू उनकी फिल्मों से पीछे हटने के लिए बहाने बनाते रहे, इसलिए उन्होंने उन्हें सख्ती से सजा दी. उनके बाद जो फिल्में रिक्कू ने बनाई, वो फ्लॉप रहीं, जबकि निहलानी की तीनों फिल्में सुपरहिट रहीं.
रिक्कू ने निहलानी से की गुजारिश
निहलानी ने एक फिल्म मैगजीन को बताया कि उनके इंटरव्यू के बाद, नाथ उनके पास “रोते हुए” आए और उनसे माधुरी के साथ फिल्म बनाने की गुजारिश की. उन्होंने कहा कि अगर फिल्म नहीं बने, तो कम से कम माधुरी की किसी फिल्म का मुहूर्त क्लैप निहलानी को करना चाहिए.
निहलानी ने किया मुहूर्त
इसके बाद उन्होंने माधुरी की तीन फिल्मों के मुहूर्त किए, जिनमें उनके अनिल कपूर, संजय दत्त और चंकी पांडे थे. निहलानी ने आगे कहा- ‘इसके बाद अच्छी मार्केटिंग हुई, दूसरी फिल्मों के लिए भी मुहूर्त निकाले गए और पूरी इंडस्ट्री में उम्मीद की किरण फैल गई. गोरेगांव फिल्म सिटी इतनी भरी हुई थी कि वहां भारी ट्रैफिक जाम लग गया था.’
निहलानी ने बताया कि सभी सौदे हमेशा रिक्कू नाथ ही संभालते थे, इसलिए माधुरी उनसे सीधे नहीं मिलती थीं. उन्होंने याद किया कि शुरुआत में माधुरी अपने माता-पिता के साथ दो दिन तक उनके ऑफिस में इंतजार करती रहीं, लेकिन वे शूटिंग में व्यस्त थे. उस समय उनकी कोई ऐसी फिल्म नहीं थी जिसमें हीरोइन की ज़रूरत हो. बाद में उन्होंने माधुरी को फोन किया और रिक्कू को उनका सेक्रेटरी बना दिया.
माधुरी का फिल्मी सफर
माधुरी को पहचान मिली एन चंद्रा की 1988 की एक्शन रोमांस फिल्म तेज़ाब से, खासकर उसके डांस गाने ‘एक दो तीन’ के लिए. इसके बाद उन्होंने सुभाष घई की 1989 की हिट फिल्म राम लक्ष्मण, विदु विनोद चोपड़ा की 1989 की क्राइम ड्रामा परिंदा, इंद्र कुमार की 1990 की रोमांस फिल्म दिल, लॉरेंस डी’सूज़ा की 1991 की रोमांस साजन, कुमार की 1992 की फैमिली ड्रामा बेटा और घई की 1993 की क्राइम ड्रामा खलनायक में काम किया.