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‘किसी के बारे में घटिया बातें कहना…’, प्रेमानंद महाराज पर रामभद्राचार्य की टिप्पणी पर बाबा…

योगगुरु बाबा रामदेव ने एबीपी न्यूज से बातचीत में वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज पर रामभद्राचार्य की टिप्पणी पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कभी भी ओछी बातें तो आम लोगों को भी नहीं करनी चाहिए  वो लोग तो साधु-संत महात्मा हैं.

चित्रा त्रिपाठी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बाबा रामदेव ने कहा कि ‘जिनके नाम के आगे सरनेम जगतगुरु और शंकराचार्य लगता हो, उनको तो किसी की भी  निंदा, किसी के साथ द्वेष, किसी के बारे में घटिया बात कहना, यह सब नहीं करना चाहिए. यह बहुत ही गलत है.’

आपस में लड़ने से देश विरोधी ताकतें होंगी मजबूत- रामदेव
उन्होंने आगे कहा- ‘कुछ तो हमसे उम्र में छोटे हैं कुछ तो बड़े हैं, लेकिन मैं सबसे हाथ जोड़कर एक बात कहूंगा, इस देश में मुसलमान मुट्ठी भर आए थे और अंग्रेज भी मुट्ठी भर आए थे 1608 में ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जहाज भारत आया था और उसके बाद में थोड़ा-थोड़ा करके एक कंपनी आई और एक कंपनी ने भारत में राज किया. ब्रिटेन की सरकार ने जो यहां पर राज किया वो अलग था, उससे पहले तो एक कंपनी ने देश पर राज किया. आप कहते हैं ना कि अर्थ की ताकत क्या होती है? भारत से बड़ा उदाहरण दुनिया में देखने को कहीं नहीं मिलता. अगर आप धार्मिक, राजनीतिक या आर्थिक तौर पर लड़ेंगे तो भारत विरोधी ताकतें मजबूत होगीं.’

किस बात पर मचा विवाद?
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने एक पॉडकास्ट में बयान देते हुए कहा था कि अगर प्रेमानंद महाराज संस्कृत का एक अक्षर बोल दें या उनके श्लोकों का अर्थ समझा दें, तो वे उन्हें चमत्कारी मान लेंगे. इसी बयान के बाद यह मामला विवादों में आ गया.

रामभद्राचार्य की सफाई
विवाद बढ़ने पर रामभद्राचार्य ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी में कोई अभद्रता नहीं थी. वे प्रेमानंद महाराज का सम्मान करते हैं और जब भी वे उनसे मिलने आएंगे, तो उन्हें पुत्र समान अपनाएंगे.

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