राष्ट्रीय

‘गिरगिट की तरह इतनी बार तो रंग कोई नहीं बदलता, जितनी बार…’, ट्रंप के टैरिफ बम पर क्या बोले…

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया था, जो कि आज (27 अगस्त, 2025) से लागू हो गया है. जब ट्रंप के टैरिफ को लेकर बाबा रामदेव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ट्रंप भी चाहते हैं कि अमेरिका में स्वदेशी को बढ़ावा मिले. दूसरे देशों की वस्तुओं हमारे देश में न आएं. बाबा रामदेव ने इस दौरान ट्रंप को गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला राजनेता बताया. 

बाबा रामदेव ने कहा, “जिस देश में वैभव बहुत आ जाता है तो वहां विलासिता बढ़ जाती है. ट्रंप में जो पराक्रम होनी चाहिए, जो सूझबूझ और विश्वसनीयता होनी चाहिए. इतनी बार तो गिरगिट की तरह रंग कोई नहीं बदलता, जितनी बार वो बदल रहे हैं. हर देश के बारे में, हर परिस्थिति के बारे में, चीन के संदर्भ में कितनी बार झूठ बोला, भारत-पाकिस्तान के संदर्भ में कितनी बार झूठ बोला. वो दादागिरी से भी ज्यादा गुंडागर्दी कर रहे हैं.”

अब भारतीयों के लिए जागने का वक्त है- बाबा रामदेव

उन्होंने कहा, “पहले अमेरिका को बहुत सभ्य देश के रूप में पहचाना जाता था, लेकिन उन्होंने (ट्रंप ने) आकर अमेरिका के उन सभी मूल्यों को ध्वस्त कर दिया. लेकिन फिर भी कोई बात नहीं है. क्योंकि अब भारतीयों के लिए जागने का वक्त है. अगर वे अब नहीं जागे तो मुश्किल होगी.”

बाबा रामदेव ने कहा, “यूके की एक एजेंसी ऑक्सफैम और अग्नुस मेडिसन नाम के एक विदेशी अर्थशास्त्री हैं, जिसकी वैश्विक स्तर पर टॉप अर्थशास्त्रियों में उसकी गणना होती है. उसने भी कहा था भारत पिछले 5,000 सालों से 18वीं शताब्दी तक विश्व की आर्थिक महाशक्ति रहा है. बीच में चीन के साथ थोड़ा मुकाबला हुआ, कभी भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था में 30 प्रतिशत की भागीदारी निभाता था तो कभी चीन उससे ऊपर-नीचे होता था, लेकिन आज भारत की क्या स्थिति है. आज हम विश्व अर्थव्यवस्था में 2 से 3 प्रतिशत की भागीदारी के साथ सिमट गए हैं. तो अब हमें अपने आपको ग्लोबल इकोनॉमिक पॉवर बनाने के लिए और विश्व की अर्थव्यवस्था को लीड करने की कैपिसिटी वाला देश बनाना होगा. अभी हम विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, लेकिन हमें विश्व की पहली अर्थव्यवस्था बनना होगा.”

भारत के सामने पूरी दुनिया की मायावी ताकतों को झुकाना होगा- बाबा रामदेव

बाबा रामदेव ने कहा, “भारत को विश्व की पहली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए 140 करोड़ देशवासियों की ताकत को एक करना होगा. आज भारत में जनसंख्या की बात करें, प्रतिभा की बात करें या साइंस-टेक्नोलॉजी, टैलेंट, इनोवेशन की बात करें तो हम किसी से कम नहीं है. बस हमें अपने दिमाग से कुंठा को बाहर निकालना पड़ेगा. देश में जो लोग नौकरी कर रहे हैं, चाहे सरकारी हो या प्राइवेट, उन्हें इस नजरिए के साथ काम करना पड़ेगा कि हमें किसी भी कीमत पर अमेरिका सहित पूरी दुनिया की जो मायावी ताकतें हैं, इन्हें परास्त करके भारत के सामने सबको झुकाना है.”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button