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अगर इन शर्तों पर खरा उतरेगा तो नहीं लगेगा भारतीय सामानों के ऊपर 50 प्रतिशत यूएस टैरिफ

Trump Tariffs: अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है, जिससे कुल टैरिफ दर 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है. हालांकि, कुछ भारतीय सामानों को अस्थायी राहत दी गई है. इन सामानों पर टैरिफ तभी नहीं लगेगा, जब वे कुछ खास शर्तों को पूरा करें. उदाहरण के लिए, यदि माल 27 अगस्त 2025 को 12:01 बजे (EST) से पहले जहाज में लोड होकर अमेरिका में प्रवेश से पहले ट्रांजिट में था, तो उस पर यह टैरिफ नहीं लगेगा.

इसी तरह, यदि माल को 17 सितंबर 2025 को 12:01 बजे (EST) से पहले खपत के लिए दर्ज किया गया या गोदाम से निकाला गया, तो वह छूट के दायरे में आएगा. साथ ही, आयातक को यह प्रमाणित करना होगा कि सामान इस छूट के योग्य है और इसके लिए नया समान्यीकृत टैरिफ शेड्यूल (Harmonised Tariff Schedule) घोषित करना होगा.

कुछ सामानों को टैरिफ से छूट

इसके अलावा, कुछ विशेष उत्पादों को भी 50 प्रतिशत टैरिफ से अलग रखा गया है. इनमें लोहा और स्टील, एल्युमिनियम, कॉपर, यात्री गाड़ियां, हल्के ट्रक और ऑटोमोबाइल पार्ट्स शामिल हैं.

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता वित्त वर्ष 2025-26 में पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) के फैसलों में बड़ी बाधा बन सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, यह टैरिफ भारतीय कॉर्पोरेट निवेश की धारणा पर असर डाल सकता है, भले ही कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत क्यों न हो.

क्रिसिल का मानना है कि मुक्त व्यापार समझौते (FTA) निवेशकों के भरोसे को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि वे शुल्क बाधाओं को कम करके स्थिर और पूर्वानुमेय व्यापारिक माहौल तैयार करते हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत पर लगाए गए अमेरिकी शुल्क बांग्लादेश, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों पर लगाए गए शुल्क से कहीं अधिक हैं. बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और घरेलू स्तर पर ऊंची लागत जैसी चुनौतियाँ निजी निवेशकों के उत्साह को रोक रही हैं.

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