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मुनाफा कम होने से लेकर नौकरी जाने तक का डर… ट्रंप के टैरिफ से देश के इन सेक्टर्स में मच सकती…

US Tariff on India: अमेरिका ने आज से भारत पर 50 परसेंट का भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया है. पहले 25 परसेंट का बेस टैरिफ लगाया गया था. इसके बाद रूस से तेल खरीदने के लिए पेनाल्टी के तौर पर एक्स्ट्रा 25 परसेंट का टैरिफ लगाया गया. यानी कि कुल 50 परसेंट. यानी कि अब अमेरिका में अब भारत से आयात होने वाले सामानों पर 50 परसेंट टैरिफ वसूला जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस फरमान से कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, झींगा, कालीन, फर्नीचर और हस्तशिल्प जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को नुकसान पहुंचेगा, जो काफी हद तक अमेरिकी बाजार पर निर्भर है. 

मार्केट एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि 2025-26 में अमेरिका के लिए भारत के कुल निर्यात में पिछले साल के मुकाबले  40-45 परसेंट तक की गिरावट आ सकती है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) का अनुमान है कि अमेरिका के लिए भारतीय निर्यात 2024-25 के लगभग 87 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर लगभग 49.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है. 

टेक्सटाइल सेक्टर पर खतरा

भारत का कपड़ा उद्योग अपने निर्यात का लगभग एक-तिहाई हिस्सा अमेरिका को भेजता है. ऐसे में हाई अमेरिकी टैरिफ के चलते इसे भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है. टैरिफ अधिक लगने के कारण भारतीय उत्पाद वियतनाम, बांग्लादेश और कंबोडिया जैसे दूसरे प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले अधिक महंगे हो जाएंगे. देश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने  ने सरकार से तत्काल नकद सहायता और व्यापक रूप से रोजगार के नुकसान को रोकने के लिए ऋण चुकौती पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की है. 

जोखिम में समुद्री निर्यात 

भारत से अमेरिका में बड़े पैमाने पर झींगा भेजे जाते हैं. झींगे का सबसे बड़ा निर्यातक भारत अपनी आय का लगभग आधा हिस्सा अमेरिका से कमाते हैं. ऐसे में टैरिफ की चपेट में समुद्री निर्यात भी आएगा. टैरिफ से 50 परसेंट मुनाफा कम होगा और निर्यात में भारी गिरावट आ सकती है. अब चूंकि झींगा पालन और प्रोसेसिंग में हजारों की तादात में लोग जुड़े हुए हैं इसलिए एक्सपर्ट्स को तटीय राज्यों में बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म होने का डर है. 

दबाव में देश की यह इंडस्ट्री 

भारत के जेम्स और ज्वेलरी एक्सपोटर्स भी इन दिनों ट्रंप के लगाए गए टैरिफ की वजह से दबाव में हैं. अमेरिका उनका सबसे बड़ा बाजार है, जहां लगभग 10 अरब अमेरिकी डॉलर की बिक्री होती है. यह इस इंडस्ट्री के ग्लोबल ट्रेड का लगभग 30 परसेंट है. 50 परसेंट टैरिफ लागू होने से भारतीय आभूषण अमेरिकी खरीदारों के लिए बहुत महंगे हो सकते हैं, जिससे पॉलिशिंग और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में हजारों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं. एक्सपोटर्स ने सरकार से इस अतिरिक्त लागत की भरपाई के लिए एक स्पेशल स्कीम शुरू करने का आग्रह किया है. 

इन्हें देशों को होगा मुनाफा 

इनके अलावा, कारपेट, फर्नीचर, होम टेक्सटाइल जैसी इंडस्ट्रीज पर भी खतरा मंडरा रहा है, जो अपनी कमाई का 60-70 परसेंट हिस्सा एक्सपोर्ट करने के जरिए ही कमाता है और अमेरिका इनका सबसे बड़ा खरीदार है. टैरिफ से ये सारी चीजें भी महंगी होंगी, जिससे खरीददार कम मिलेंगे, मांग कम हो जाएगी और भारत एक्सपोटर्स को नुकसान होगा. वहीं, दूसरी तरफ वियतनाम, बांग्लादेश, चीन और यहां तक कि पाकिस्तान को इससे मुनाफा होगा क्योंकि इन पर टैरिफ भारत के मुकाबले कहीं कम हैं. ऐसे में अमेरिका में लोग कम रेट पर इनके बनाए प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता दे सकते हैं. 

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