भारत पर लागू हुआ 50 प्रतिशत US टैरिफ, कपड़ा उद्योग में भारी हलचल, इन शहरों के फैक्ट्रियों पर…

US Tariffs Impact On Textile Sector: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए पैनाल्टी के तौर पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ आज यानी बुधवार की सुबह 9 बजकर 31 मिनट पर प्रभावी हो चुका है. भारतीय सामानों पर अमेरिका में पहले से ही 25 प्रतिशत टैरिफ लग रहा था, ऐसे में अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ के बाद अब यह कुल दरें बढ़कर 50 प्रतिशत हो चुकी है. राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से ये अतिरिक्त टैरिफ रूस से सस्ता तेल खरीदने की वजह से भारत के ऊपर लगाया गया है. भारत लगातार यह कहता रहा है कि यह बेवजह लगाया गया है.
इससे पहले सोमवार को यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी भारतीय सामानों के ऊपर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का औपचारिक एक मसौदा जारी किया था. ऐसे में हाई टैरिफ के बाद राष्ट्रपति ये उम्मीद कर रहे हैं कि उनके रूसी समकक्षीय राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव पड़ेगा और यूक्रेन से जंग रोकने की उनकी कोशिश में मदद मिलेगी.
पीएम का स्वदेशी पर जोर
दूसरी तरफ पीएम मोदी ने मंगलवार को एक सभा के दौरान स्वदेशी पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से परिषाभा बिल्कुल साधारण है. मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि ये किसका पैसा है, ये डॉलर है या फिर पॉण्ड और ये कहां से आया है… बल्कि महत्वपूर्ण ये है कि मेहनत और मिठाई दोनों ही भारतीय की होनी चाहिए.
उन्होंने अहमदाबाद में जनसभा के दौरान यूएस टैरिफ का हवाला देते हुए कहा कि भारत किसी भी बाहरी दबाव का सामना करेगा. उन्होंने जनता से यह सुनिश्चित किया कि किसान, डेयरी पालक और छोटे लघु उद्योगों के हितों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी.
कपड़ा उद्योग पर जबरदस्त मार
दूसरी तरफ ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ की सबसे ज्यादा मार कपड़ा, लेदर और झींगा मछली जैसे कारोबार पर पड़ा है. इनके एक्सपोर्ट्स के लिए अब अमेरिका बाजार में प्रतिस्पर्धा कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा है. इसकी वजह से कई फैक्ट्रियों में ताले लगाने को मालिक मजबूर हो रहे हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय निर्यातकों के संगठन फियो यानी फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने कहा कि चमड़ा, कपड़ा, कैमिकल्स जैसे उद्योग भारी संकट में हैं. फियो अध्यक्ष एस.सी. रल्हान की अगर मानें तो सूरत, तिरुपुर से लेकर नोएडा तक कई एपरल और टैक्सटाइल निर्माताओं ने प्रोडक्शन लागत बढ़ने की वजह से इसे रोक दिया है. उनका ये कहना है कि बांग्लादेश और वियतनाम के एक्सपोर्टर्स के मुकाबला करना भारत के लिए अब काफी मुश्किल हो चुका है. भारत का एक्सपोर्ट सेक्टर अब पिछड़ रहा है, जिसका सीधा असर इस सेक्टर में लगे लाखों लोगों की आजीविका पर पड़ रहा है.