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The Chief Minister said- Make full preparations for the discussion in the House, do not ignore…

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ दो दिन चले सांसद-विधायक संवाद के दौरान मुख्यमंत्री आवास में अलग-अलग तरह के दौर देखने काे मिले। सीएम एक-एक विषय रखते हुए पार्टी के जनप्रतिनिधियों को बीच-बीच में नसीहतें भी देते रहे। हिदायतें भी और सुझाव भी। दोनों दिनों

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मंत्रियों का विधायकों को साथ लेकर नियमित जनसुनवाई करना और कलेक्टरों के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं व जनता का काम कराना। यही सीएम के संदेश के प्रमुख बिंदु थे। इस संवाद के जरिए पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिए कि भाजपा अब पंचायत और निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर मिशन मोड में है। सीएम ने मंगलवार को जनप्रतिनिधियों व जिला अध्यक्षों से वन-टू-वन किया। कहा- सदन में चर्चा से पहले पूरी तैयारी करें। विधानसभा में सक्रियता दिखनी चाहिए।

पंचायत-निकाय चुनाव में टिकट: कार्यकर्ताओं को तवज्जो दें असल में भजनलाल सरकार बनने के बाद विधानसभा उपचुनाव में जीत को नई सरकार की उपलब्धि के रूप में देखा गया था। अब सीएम भजनलाल शर्मा के सामने पंचायत और निकाय चुनाव में बड़ी जीत की चुनौती होगी। ऐसे में इस संवाद को जनप्रतिनिधियों को चुनावी मोड में लाने की दिशा दे दी गई।

सीएम ने स्पष्ट रूप से जनप्रतिनिधियों को कह भी बता भी दिया कि किस तरह टिकटों का बंटवारा होगा, किसे तवज्जो देनी है और किसे नजरअंदाज करना है। उन्होंने संवाद के पांचों कार्यक्रमों में कहा कि ये दोनों प्रकार के चुनाव विधायकों-सांसदों के चुनाव होंगे। वे तय करें कि कौन टिकट के हकदार हैं। नियमित जुटने वाले कार्यकर्ताओं को तवज्जो देनी है। किसी के विरोध में नहीं आएं, विरोध को परखें। हां, किसी के दबाव में आकर भी टिकट न दे दिया जाए। आपका नजदीकी नहीं है, लेकिन वह हकदार है तो उसे प्राथमिकता में रखें।

अधिकारी सुनते नहीं, काम करते नहीं, फोन नहीं उठाते

हर जिले के सांसद व विधायकों से व्यक्तिगत चर्चा के लिए समूह टेंट बनाए गए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे वन टू वन किया। प्रदेशाध्यक्ष, दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व नेता प्रतिपक्ष आदि भी बैठक लेने वालों में शामलि थे। विधायकों ने भरपूर शिकायतें कीं। सीएम व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ भी समूहों में बैठे और चर्चा की। यहां सबने अपने मन की बात कह ही डाली।

ज्यादातर की शिकायतें अधिकारियों को लेकर थीं। सुनते नहीं, काम करते नहीं, जवाब नहीं देते, फोन नहीं उठाते… आदि। ऐसी शिकायतों पर सीएम ने जवाब भी दिया। बोले- आप कलेक्टर को काम बताएं। उनके जरिए काम कराएं। आपके पास फंड है, उसका 20 प्रतिशत स्कूलों के भवनों के लिए उपयोग करें। संवाद के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता व वित्त आयोग के अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निवास के दरवाजे आमजन के लिए 24 घंटे खुले हैं।

सबका सोशल मीडिया चार्ट लेकर बैठे थे सीएम

असल में इन संवादों के दौरान एक-एक जनप्रतिनिधि का पूरा चिट्ठा लेकर आए थे सीएम। उन्होंने बाकायदा नाम लेकर बोला कि किसने सोशल मीडिया पर भाजपा, सरकार की योजनाओं, पीएम-सीएम के आयोजनों को कितनी तवज्जो दी। कौन बेहतर कर रहा है, कौन बहुत पीछे है। प्रधानमंत्री की सोशल मीडिया पोस्ट को आगे नहीं बढ़ाने वाले दो-तीन विधायक-प्रत्याशियों को फटकार तक लगाई। बोले- जब मोदी जी इतना काम कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते।

सारथी से सतर्क रहने के संकेत भी

विधायकों-सांसदों की बातों की गोपनीयता को लेकर भी मुद्दा उठा। सीएम ने कहा कि सुना है कि आपके ड्राइवर विरोधी पक्षों से बात करते हैं। वे इन्फॉर्मेशन लीक कर सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस को झूठे नरेटिव बनाने लगती है। सतर्क रहें।

बैठक में ये मौजूद

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, डिप्टी सीएम दिया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, राजेन्द्र राठौड़, अशोक परनामी, सीपी जोशी मौजूद रहे।

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