पैगम्बर मोहम्मद का अपमान, जिन्ना और महात्मा गांधी की तुलना… कब-कब चर्चा में आए पाकिस्तान में…

पाकिस्तान के चर्चित मौलवी और यूट्यूबर इंजीनियर मोहम्मद अली मिर्जा को मंगलवार को झेलम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की. उन्हें मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर (MPO) के तहत 30 दिन की हिरासत में भेजा गया है. बताया गया कि उनकी टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई धार्मिक समूहों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. वैसे यह पहली बार नहीं है जब अपने बयान को लेकर वह सुर्खियों में आए हैं. इससे पहले भी वह कई विवादित बयान दे चुके हैं.
कौन हैं इंजीनियर मुहम्मद अली मिर्जा?
झेलम के मशीन मोहल्ला निवासी इंजीनियर मिर्जा सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय हैं. उनके यूट्यूब चैनल पर 3.1 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. वे समाज और धर्म पर अपने बेबाक व्याख्यानों के लिए जाने जाते हैं. अब तक उन पर चार से ज्यादा जानलेवा हमले हो चुके हैं.
किस वजह से हुई गिरफ्तारी?
एक इंटरव्यू क्लिप में मिर्जा ने दावा किया था कि एक समुदाय पैगंबर मोहम्मद को एक अलग नाम से पुकारता है. बातचीत के दौरान उन्होंने वही शब्द दोहराए, जिससे विवाद खड़ा हो गया. इसके बाद कई धार्मिक संगठनों ने शिकायत दर्ज कराई और उन्हें MPO की धारा 3 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
जिन्ना और गांधी की तुलना, मुआविया पर विवाद
मिर्जा ने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना और महात्मा गांधी की तुलना की थी, जिस पर भी वह निशाने पर आए. इसके अलावा उन्होंने इस्लामी इतिहास के पहले उमय्यद खलीफा मुआविया प्रथम पर भी विवादित टिप्पणी की, जिसे पाकिस्तान के कई सुन्नी मौलवियों ने धर्मविरोधी करार दिया.
MPO क्या है?
पाकिस्तान में MPO कानून 1960 में लाया गया था. इसके तहत सरकार किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमे के सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर हिरासत में रख सकती है. मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि इस कानून का दुरुपयोग होता है और सरकारें इसे आवाज दबाने के हथियार की तरह इस्तेमाल करती हैं.
पहले भी विवाद से रहा है नाता
- 2020 – धार्मिक हस्तियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में झेलम पुलिस ने गिरफ्तार किया.
- 2021 – एक धार्मिक अकादमी में हत्या का प्रयास हुआ.
- 2021 – देओबंदी मौलवी तारिक मसूद से बहस की चुनौती दी, लेकिन बहस विवादों में घिर गई.
- 2023 – बरेलवी मौलवी मुफ्ती हनीफ कुरैशी से बहस से पीछे हटने का आरोप लगा.
- अप्रैल 2023 – पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी पर धारा 295C के तहत मामला दर्ज.
- मुहर्रम 2024 – झेलम प्रशासन ने 17 मौलवियों के भाषणों पर पाबंदी लगाई, उनमें मिर्जा भी शामिल थे.
आलोचना और विवाद
लाहौर के वकील जे. सज्जल शाहेदी ने कहा कि मिर्जा की गिरफ्तारी पब्लिक ऑर्डर बनाए रखने के लिए नहीं बल्कि स्वतंत्र आवाजों को दबाने के लिए की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हिंसक संगठनों को तो छूट देती है लेकिन मिर्जा जैसे स्वतंत्र मौलवियों को निशाना बनाती है.