Rain became a disaster in Sikar | सीकर में बारिश बनी आफत: नवलगढ़ रोड पर जलभराव से जनजीवन बेहाल,…

शिक्षा नगरी सीकर में बारिश हर साल मुसीबत बनकर आती है। खासकर नवलगढ़ रोड, रेलवे स्टेशन और आस-पास के इलाकों में जलभराव की समस्या दो दशक से जस की तस बनी हुई है। थोड़ी सी बारिश में सड़कें तालाब बन जाती हैं, जिससे दुकानदार, छात्र और आम नागरिक परेशान हैं। स
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20 साल पुरानी समस्या, समाधान नहीं
नवलगढ़ रोड पर पिछले 20 साल से आइसक्रीम और बेकरी की दुकान चला रहे रवि कुमावत बताते हैं- यहां जलभराव और गंदगी की समस्या कोई नई नहीं है। बारिश का पानी सड़क पर जमा हो जाता है, जिससे कीचड़ और गंदगी फैलती है। सड़क पर गहरे गड्ढों के कारण आए दिन हादसे होते हैं। रवि की तरह ही इलाके के अन्य दुकानदार भी इस समस्या से परेशान हैं।
दुकानों में घुसता पानी, कारोबार ठप
प्रिंस डिपार्टमेंटल स्टोर के संचालक नरेश कुमार कहते हैं- सरकारें बदलती हैं, लेकिन नवलगढ़ रोड की हालत नहीं बदलती। बारिश में 3-4 फीट पानी भर जाता है, जो दुकानों में घुस जाता है। कई बार तो दिन-दिन तक दुकानें बंद रखनी पड़ती हैं, जिससे कारोबार को भारी नुकसान होता है।
छात्रों की क्लासेस हो रही मिस
शिक्षा के लिए मशहूर सीकर में पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को बारिश के मौसम में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नीट की तैयारी कर रही छात्रा शुभांगी बताती हैं- यहां पढ़ाई का माहौल अच्छा है, लेकिन बारिश में क्लासेस तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। छाता सिर्फ सिर ढकने के काम आता है, जूते और ड्रेस पानी से खराब हो जाते हैं। विकास के नाम पर सीकर जीरो है।
फुटपाथ पर अतिक्रमण, पार्किंग की कमी
हॉस्टल संचालक प्रियंका चौधरी कहती हैं- नवलगढ़ और पिपराली रोड पर 3-4 फीट पानी भर जाता है, जिससे छात्रों को पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। फुटपाथ बने हैं, लेकिन उन पर अतिक्रमण और गाड़ियों की पार्किंग ने हालात और खराब कर दिए हैं। शहर में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान जरूरी है। सड़कों की मरम्मत, नालियों की सफाई और अतिक्रमण हटाने जैसे कदम उठाए बिना सीकर की यह समस्या हल नहीं होगी। क्या प्रशासन इस बारिश के मौसम में शहरवासियों को राहत दे पाएगा, यह सवाल हर किसी के मन में है।