ED conducted a raid on AAP leader Saurabh Bhardwaj in delhi irregularities in a hospital…

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नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
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सौरभ 9 मार्च 2023 से 8 फरवरी 2025 तक स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं।-फाइल फोटो
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार सुबह AAP नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर समेत 13 ठिकानों पर छापेमारी की। उन पर हॉस्पिटल कंस्ट्रक्शन में करप्शन का आरोप है।
दिल्ली की एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) ने एक साल पहले AAP सरकार के दौरान स्वास्थ्य ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू की थी। इसमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जून में केस दर्ज किया था। ACB ने बाद में मामला ED को ट्रांसफर कर दिया गया था। केंद्रीय एजेंसी ने जुलाई में केस दर्ज किया था।
उधर, पूर्व सीएम आतिशी ने एक्स पर लिखा, ‘सौरभ के घर ईडी की रेड पूरे देश का ध्यान भटकाने के लिए की गई है। पूरा देश मोदी जी की डिग्री पर सवाल उठा रहा है। यह मामला तब का है जब सौरभ मंत्री नहीं थे। आप नेताओं पर लगे सारे केस झूठे हैं।’
भाजपा नेता की शिकायत पर जांच हुई…जानें इस पूरे मामले को
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने 22 अगस्त 2024 को शिकायत के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस साल 25 जून को अस्पताल घोटाले की जांच को मंजूरी दे दी। गुप्ता ने शिकायत में तत्कालीन मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन पर मिलीभगत कर स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। हालांकि AAP ने इन आरोपों से इनकार किया था।
दोनों मंत्रियों पर ₹5,590 करोड़ की 24 अस्पताल परियोजनाओं में देरी का आरोप लगा। कहा गया कि इससे इन परियोजनाओं का खर्च बढ़ गया। इसके बाद दिल्ली विजिलेंस विभाग ने शिकायत की जांच की। इसके बाद एलजी के आदेश पर एंट्री करप्शन ब्यूरो (ACB) ने FIR दर्ज की। ACB ने जुलाई में यह मामला ED को ट्रांसफर कर दिया।
स्वास्थ्य मंत्री पर लगे गड़बड़ी, देरी, नियम उल्लंघन के आरोप
आरोप है कि AAP सरकार ने साल 2018-19 में 5590 करोड़ रुपए की लागत की 24 अस्पताल परियोजनाएं (11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड) स्वीकृत की गई थी। इसमें बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। 6800 के कुल बिस्तर क्षमता वाले 7 ICU अस्पतालों को सितंबर 2021 से 6 महीने के भीतर पूर्व-इंजीनियर संरचनाओं का उपयोग कर निर्माण के लिए 1125 करोड़ रुपए की लागत से मंजूरी दी गई थी। 3 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी 800 करोड़ रुपए की लागत के साथ केवल 50% काम पूरा हुआ।
लोकनायक अस्पताल न्यू ब्लॉक परियोजना के लिए 465.52 करोड़ रुपए की लागत से मंजूरी दी गई थी। 4 साल में 1125 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई, जो लागत से करीब 3 गुनी है। पॉलीक्लिनिक्स परियोजना के लिए 168.52 करोड़ रुपए की लागत स्वीकृत हुई। इसमें 94 पॉलीक्लिनिक्स तैयार करना था, लेकिन 52 का निर्माण करने पर 220 करोड़ रुपए खर्च हुए।