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द्वारका एक्सप्रेसवे और गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर बजघेड़ा में बनाया गया टोल प्लाजा।

हरियाणा के गुरुग्राम में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 के बाद अब नवनिर्मित द्वारका एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स वसूली शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। करीब 11 हजार करोड़ रुपए की लागत बना यह एक्सप्रेसवे देश का पहला 8 लेन व

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फिलहाल, जनता के लिए यह एक्सप्रेसवे निशुल्क चल रहा है, लेकिन अब इस पर टोल टैक्स वसूली शुरू की जाएगी। गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर बजघेड़ा में टोल प्लाजा पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है। अब बस इंतजार है, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी की, जिसके लिए प्रपोजल तैयार कर लिया गया है। यदि सब कुछ तय प्लानिंग के तहत चला तो यह टोल वसूली एक सितंबर या फिर एक अक्टूबर से शुरू हो सकती है।

टोल दर की बात करें तो फिलहाल, NHAI के प्रपोजल के हिसाब से प्राइवेट कार, वैन और जीप के लिए एक तरफ का टोल 105 रुपए और आने जाने का 155 रुपए प्रस्तावित है। वहीं, कॉमर्शियल वाहनों के लिए यह 355 रुपए से लेकर 535 रुपए तक हो सकता है। इसके अलावा सालाना पास की दर 3 हजार रुपए प्रस्तावित की गई।

सबसे खास बात यह है कि ये टोल मानव रहित रहेगा। यानि इस पर कोई कर्मचारी तैनात नहीं होगा। स्वचालित टोल सिस्टम होने से जहां टोल वसूली में पारदर्शिता और तेजी आएगी, वहीं बिना रुके सफर करने से समय की बचत होगी। सोनीपत के बाद यह दूसरा मानवरहित टोल होगा।

17 अगस्त को पीएम मोदी ने द्वारका एक्सप्रेस वे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) का एक साथ उद्घाटन किया था। इस दौरान हरियाणा के सीएम नायब सैनी भी मौजूद थे।

यहां जानिए द्वारका एक्सप्रेसवे की खासियतें…

  • कुल 29 किलोमीटर लंबाई, 19 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में : द्वारका एक्सप्रेसवे को भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किया गया है। यह देश का पहला 8-लेन एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे है। इसकी कुल लंबाई 29 किलोमीटर है, जिसमें 18.9 किलोमीटर हरियाणा में और 10.1 किलोमीटर दिल्ली में है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 9,000 करोड़ रुपए है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के महिपालपुर में शिव मूर्ति से शुरू होकर गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा तक जाता है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-48 (एनएच-48) पर यातायात के दबाव को कम करने में मदद करेगा।
  • एफिल टावर और बुर्ज खलीफा से ज्यादा स्टील-सीमेंट लगा : एक्सप्रेस वे निर्माण के दौरान 1,200 पेड़ों का पुन:रोपण किया गया, ताकि पर्यावरण को नुकसान न हो। 2 लाख मीट्रिक टन स्टील और 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट का उपयोग किया गया, जो एफिल टावर और बुर्ज खलीफा की तुलना में कई गुना अधिक है।
  • 31 सुरंग, 12 ओवरब्रिज और 34 अंडरपास : 192 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड के साथ दोनों तरफ तीन-तीन लेन की सर्विस रोड हैं। इसमें 34 अंडरपास, 31 सुरंग और 12 रोड ओवरब्रिज शामिल हैं। यह देश का पहला सिंगल पिलर पर बना एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है, जो इसे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अनूठा बनाता है।
  • देश की सबसे चौड़ी अर्बन टनल : दिल्ली खंड में 3.6 किलोमीटर लंबी 8-लेन टनल शामिल है, जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बनाई गई है। यह देश की सबसे चौड़ी अर्बन टनल है। चार स्थानों पर चार-स्तरीय और नौ स्थानों पर तीन-स्तरीय इंटरचेंज बनाए गए हैं, जो यातायात को सुचारू बनाते है।
  • दिल्ली से गुरुग्राम की दूरी 20 मिनट में : द्वारका एक्सप्रेसवे से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा का समय केवल 20-25 मिनट लगता है। गुरुग्राम से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) तक की यात्रा जो अभी एक घंटे तक का समय लेती है, अब मात्र 20 मिनट में पूरी हो रही है। इस एक्सप्रेसवे से गुरुग्राम के 35 से अधिक सेक्टरों और 50 से ज्यादा गांवों को सीधा लाभ पहुंचता है।

द्वारका एक्सप्रेस वे पर बनाई गई टनल।

अब जानिए द्वारका एक्सप्रेस पर कैसे होगी टोल वसूली…

  • एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया : सामान्य टोल प्लाजा पर लगे बूम की जगह यहां मॉडर्न सेंसर युक्त बूम बैरियर इंस्टॉल किए गए हैं, जिसे एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया है। जैसे ही वाहन इन सेंसर की रेंज में पहुंचेगा तो फास्टैग से शुल्क कट जाएगा और वाहन के पहुंचने से पहले ही बूम बैरियर उठ जाएंगे। सभी एक्जिट और एंट्री पॉइंट पर भी सेंसर लगेंगे। नया सिस्टम पूरी तरह से मानव रहित है और प्रत्येक लेन में हाई रेजोल्यूशन कैमरे और सेंसर लगाए गए हैं, जिनकी रेंज करीब 50 मीटर है यानी इस दूरी में आते ही एक भी गाड़ी बिना टोल शुल्क के नहीं निकल सकेगी।
  • प्रत्येक गाड़ी की एक यूनिक आईडी जनरेट होगी : स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली पर भी काम किया गया है, जिसके बाद फास्टैग और बूम बैरियर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी यानी टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा। इस तकनीक के जरिए हाईवे पर चढ़ते ही प्रत्येक गाड़ी की एक यूनिक आईडी जनरेट होगी। जैसे ही यह गाड़ी टोल प्लाजा के सेंसर की रेंज में आएगी तो टोल शुल्क का भुगतान बैंक खाते से हो जाएगा। हालांकि यह सुविधा टोल के पूरी तरह से स्वचालित होने के बाद ही शुरू होगी।
  • कंट्रोल रूम में इंजीनियर रहेगा तैनात : एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि टोल प्लाजा पूरी तरह स्वचालित होगा। यहां बनाए गए कंट्रोल रूम में इंजीनियर की ड्यूटी रहेगी। किसी तरह की तकनीकी खामी होती है तो उसे तुरंत ठीक किया जाएगा। यहां मैनुअल कुछ भी नहीं होगा। फिलहाल कुछ समय तक दोनों तरफ एक-एक लेन कैश की रखी गई है, लेकिन बाद में इसे भी बंद किया जाएगा।
  • पहले दिन से लागू होगा सालाना पास : इसी महीने 15 अगस्त से शुरू हुआ फास्टैग का एनुअल पास इस टोल पर पहले दिन से ही लागू होगा। इसके तहत 3 हजार रुपए देकर फास्टैग रिचार्ज करवाया जा सकता है। यानि एक तरफ का 15 रुपए का टोल पड़ेगा। जो लोग रोजाना गुरुग्राम से दिल्ली आते-जाते हैं, उनके लिए इससे बचत होगी। फास्टैग के सालाना पास में 200 ट्रिप मिलती हैं, जिसमें एक टोल प्लाजा पर एक ट्रिप काउंट होता है।

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