INS Udayagiri-INS Himgiri will join the Indian Navy today | INS उदयगिरि-INS हिमगिरी आज इंडियन…

मुंबई2 मिनट पहले
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NS हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने बनाया है।
इंडियन नेवी को मंगलवार को दो नए युद्धपोत INS उदयगिरि और INS हिमगिरि मिलेंगे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ये दोनों जहाज प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाए गए हैं। इन्हें इस तरह डिजाइन किया जाता है कि वह दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड और ध्वनि सेंसर से बच सकें। दोनों युद्धपोतों की तैनाती से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नौसेना की ताकत बढ़ेगी।
INS हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने बनाया है। इसका नाम पुराने INS हिमगिरि से लिया गया हैै। INS उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है। इसका नाम आंध्र प्रदेश की उदयगिरि पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है, जो सिर्फ 37 महीनों में बना है।
18 जून: देश को मिला पहला शैलो वाटर क्राफ्ट INS अर्णाला
18 जून को देश के पहले एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) INS अर्णाला का कमीशन हुआ था। इसे विशाखापट्टनम के नेवी डॉकयार्ड में कमीशन किया गया था। कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के तौर पर CDS जनरल अनिल चौहान मौजूद रहे थे।
महाराष्ट्र के वसई के ऐतिहासिक अर्णाला किले के नाम पर इसे यह नाम दिया गया। यह जहाज हिंद महासागर में नौसेना की दमदार मौजूदगी के लिए डिजाइन किया गया। जो उथले पानी में दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगाने, ट्रैक और डिएक्टिवेट करने में सक्षम है।
INS अर्णाला को 8 मई को भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। 18 जून औपचारिक रूप से शामिल करने का प्रतीक रही। मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) कोलकाता और मेसर्स L&T शिपबिल्डर्स के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत डिजाइन और बनाया गया।
15 जनवरी 2025 को तीन वॉरशिप INS सूरत (डिस्ट्रॉयर), INS नीलगिरि (स्टेल्थ फ्रिगेट) और INS वाघशीर (सबमरीन) कमीशन किए थे। पीएम मोदी ने कहा था कि इन तीनों अल्ट्रा-मॉर्डन वॉर शिप से नेवी की ताकत और बढ़ी है।
INS अर्णाला के कमीशन की 2 तस्वीरें…
CDS जनरल अनिल चौहान कमीशन सेरेमनी के चीफ गेस्ट रहे।
INS अर्णाला देश का पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट है।
भारतीय नौसेना कितनी मजबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय नौ सेना के पास कुल 20 पनडुब्बियां हैं। इनमें 2 परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां, एक परमाणु-संचालित अटैकर पनडुब्बी, 17 ट्रेडिशनल डीजल-इलेक्ट्रिक अटैकर पनडुब्बियां हैं। 13 विध्वंसक (Destroyers) जहाज हैं।
इनके अलावा 15 फ्रिगेट्स, 18 कॉर्वेट्स, एक उभयचर परिवहन डॉक (INS जलाश्व), 4 टैंक लैंडिंग जहाज, 8 लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी, एक माइन काउंटरमेजर जहाज और 30 गश्ती जहाज हैं। भारतीय नौसेना का लक्ष्य 2035 तक 175 जहाजों की नौसेना बनाना है, जिसमें 50 जहाज वर्तमान में निर्माणाधीन हैं।
2025 तक, भारतीय नौसेना के पास लगभग 135+ युद्धपोत सक्रिय सेवा में हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के जहाज शामिल हैं। वहीं, INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत समेत 2 मॉडर्न विमानवाहक पोत हैं।
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पहलगाम हमले के अगले ही दिन खबर आई थी कि भारत का सबसे ताकतवर विमानवाहक पोत INS विक्रांत अरब सागर में तैनात किया है। नौसेना ने सफलतापूर्वक एक एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण भी किया था। पूरी खबर पढ़ें..