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Amit Shah Vs Judges; B Sudershan Reddy | Salwa Judum Remark | रेड्डी पर शाह की टिप्पणी, 18 जजों…

नई दिल्ली10 घंटे पहले

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विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी पर गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी की रिटायर्ड जजों ने आलोचना की है। शाह ने रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है, जिसे पूर्व जजों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कहा कि उपराष्ट्रपति पद का सम्मान करना ही बुद्धिमानी होगी।

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों के समूह में पूर्व जज जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस जे चेलमेश्वर समेत 18 जज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सलवा जुडूम फैसला स्पष्ट या परोक्ष रूप से नक्सलवाद या उसकी विचारधारा का समर्थन नहीं करता। उन्होंने कहा,

उपराष्ट्रपति पद के लिए अभियान भले ही वैचारिक हो, लेकिन इसे शालीनता और गरिमा के साथ चलाया जा सकता है। किसी भी उम्मीदवार की तथाकथित विचारधारा की आलोचना करने से बचना चाहिए।

दरअसल, अमित शाह ने 22 अगस्त को केरल में कहा था, ‘सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने नक्सलवाद की मदद की। उन्होंने सलवा जुडूम पर फैसला सुनाया। अगर सलवा जुडूम पर फैसला नहीं आता, तो नक्सली चरमपंथ 2020 तक खत्म हो गया होता।’

गृह मंत्री अमित शाह ने 22 अगस्त को केरल में मनोरमा न्यूज कॉनक्लेव 2025 को संबोधित किया।

जज बोले- फैसले की गलत व्याख्या से न्यायपालिका की स्वतंत्रता को नुकसान

रिटायर्ड जजों के समूह ने बयान जारी कर कहा एक उच्च राजनीतिक पदाधिकारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पूर्वाग्रहपूर्ण गलत व्याख्या से जजों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंच सकता है।

बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ए के पटनायक, जस्टिस अभय ओका, जस्टिस गोपाल गौड़ा, जस्टिस विक्रमजीत सेन, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस जे चेलमेश्वर, सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े और प्रो. मोहन गोपाल शामिल हैं।

पिछले 4 दिनों में शाह के रेड्डी पर 2 बयान…

बीते चार दिनों में अमित शाह विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी और उनके सलवा जुडूम पर दिए जजमेंट को लेकर 2 बयान दे चुके हैं। 22 अगस्त को केरल के एक कार्यक्रम में शाह ने कहा था,

विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी वही हैं, जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद को समर्थन देने वाला जजमेंट दिया था। अगर सलवा जुडूम के खिलाफ जजमेंट न होता तो वामपंथी उग्रवाद 2020 तक खत्म हो गया होता। यही व्यक्ति विचारधारा से प्रेरित होकर सुप्रीम कोर्ट जैसे पवित्र मंच का इस्तेमाल करते हुए सलवा जुडूम के खिलाफ फैसला देने वाले थे।

25 अगस्त को शाह ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में भी विपक्ष के रेड्डी को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कहा,

रेड्डी ने सलवा जुडूम को खारिज कर दिया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही (विपक्ष द्वारा सुदर्शन रेड्डी को चुनने का) मानदंड रही होगी।

रेड्डी ने कहा था- फैसला उनका नहीं, सुप्रीम कोर्ट का है

शाह की टिप्पणी पर रेड्डी ने 23 अगस्त को कहा था कि वह गृह मंत्री के साथ मुद्दों पर बहस नहीं करना चाहते। यह फैसला उनका नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट का है। उन्होंने सिर्फ फैसला लिखा था। अगर अमित शाह ने पूरा फैसला पढ़ा होता तो वह यह टिप्पणी नहीं करते।

बी सुदर्शन रेड्डी ने 23 अगस्त को एक इंटरव्यू में शाह की टिप्पणी पर जवाब दिया था

2011 का फैसला, जिसका जिक्र शाह ने किया

दरअसल, छत्तीसगढ़ में सरकार ने नक्सलियों से लड़ने के लिए सलवा जुडूम अभियान चलाया था, जिसमें आदिवासी युवाओं को हथियार देकर स्पेशल पुलिस ऑफिसर बनाया गया। 2011 में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी की बेंच ने इस पर रोक लगाते हुए कहा कि यह तरीका असंवैधानिक और गैरकानूनी है।

कोर्ट ने कहा था कि सरकार का काम नक्सलियों से लड़ने के लिए सुरक्षाबलों को भेजना है, न कि गरीब आदिवासियों को ढाल बनाकर खतरे में डालना। फैसले में आदेश दिया गया कि इन युवाओं से तुरंत हथियार लिए जाएं। सरकार को नक्सलवाद की मूल कारणों पर काम करना चाहिए।

9 सितंबर को होगा चुनाव

उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होंगे। इसके लिए विपक्ष ने बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वे NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।

रेड्डी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल किया था।

इस दौरान राकांपा (एससीपी) प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव, द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत और गठबंधन के कई अन्य नेता भी मौजूद थे।

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20 अगस्त: NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन ने नॉमिनेशन भरा

NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया। PM नरेंद्र मोदी पहले प्रस्तावक बने। नामांकन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेता मौजूद थे। नॉमिनेशन से पहले राधाकृष्णन ने संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा पर फूल चढ़ाए।

17 अगस्त को हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी थी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया था। पूरी खबर पढ़ें…

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