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‘पूरे देश पर कब्जा करने की साजिश’, संविधान संशोधन बिल पर ओवैसी ने उठाए सवाल

पीएम, सीएम और मंत्रियों को हटाने वाले विधेयक का हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया. उन्होंने सवाल उठाया कि जब तक सभी सरकारी जांच एजेंसियों (सीबीआई, ईडी) की नियुक्ति स्वतंत्र रूप से नहीं होगी तब तक ये केंद्र के अधीन काम करेंगी. उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए ये भी पूछा कि मंत्री परिषद के सलाह पर काम करने वाले राष्ट्रपति किसी प्रधानमंत्री को कैसे हटा सकते हैं. उन्होंने पूछा कि क्या राष्ट्रपति किसी प्रधानमंत्री से इस्तीफा ले सकते हैं? ओवैसी ने इसे संविधान के मूल अनुच्छेद से टकराने वाला कदम बताया.

पूरे देश पर कब्जा करने की साजिश- ओवैसी

ओवैसी ने 130वें संविधान संशोधन में कई खामियां गिनाई. उन्होंने कहा कि 130वां संशोधन पूरे देश पर कब्जा करने की रणनीति है और यह अच्छा संकेत नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसका फायदा उठाएगी और सरकार गिराने के लिए मंत्रियों को गिरफ्तार करना शुरू कर देगी. उन्होंने सरकार से मांग की कि वह यह सुनिश्चित करें कि आप नैतिकता की बात करते हैं तो फिर ऐसा कानून क्यों नहीं बनाते कि जो भी पकड़ा जाए वह बीजेपी में शामिल न हो.

बिहार एसआईआर पर ओवैसी ने उठाए सवाल

बिहार एसआईआर को लेकर ओवैसी ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “मीडिया ने रिपोर्ट किया कि 2002-2003 में जब सात प्रदेशों में इलेक्शन कमीशन में जो एसआईआर कराया था वो 243 दिन तक चला था. इस बार जो एसआईआर हुआ वो केवल 97 दिन चला.”

उन्होंने कहा, “उस समय उन लोगों से नागरिकता का कोई सबूत नहीं मांगा गया, जिनका नाम पहले से वोटर लिस्ट में था. आज इस पूरी प्रक्रिया को केवल 97 दिन में किया जा रहा है. जिन लोगों के नाम नहीं आए उसे राजनीतिक पार्टियां भले ही चेक करें, लेकिन इसकी पूरी जिम्मेदारी तो चुनाव आयोग की है. चुनाव आयोग नागरिकता को लेकर चेक नहीं कर सकता है ये काम गृह मंत्रालय का है. यही चीजें हमें परेशान कर रही हैं.”

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