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Devotees reached Baba Ramdev’s temple barefoot in Pali | पाली में नंगे पैर बाबा रामदेव के मंदिर…

पाली में हाइवे पर स्थित छोटा रूणेचा धाम मंदिर में सोमवार को भादवा बीज पर बाबा के दर्शन के लिए लगी श्रद्धालुओं की कतार।

भादवा बीज पर सोमवार को पाली शहर में बाबा रामदेव के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। डीजे पर बज रहे बाबा रामदेव के भजनों पर नाचते-गाते हाथ में ध्वजा लिए श्रद्धालु बाबा रामदेव के मंदिर की तरफ जाते नजर आए। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं की सेवा में स

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डीजे पर नाचते-गाते कई श्रद्धालुओं का रेला आया नजर पाली के रेलवे स्टेशन से जोधपुर रोड की तरफ जाने वाले रास्ते पर डीजे पर नाचते-गाते हाथ में ध्वजा लहराते हुए श्रद्धालुओं के कई संगठन जोधपुर रोड छोटा रुणेचा धाम की ओर जाते नजर आए। आस्था का आलम यह था कि कई श्रद्धालु नंगे पैर नाचते-गाते हुए चल रहे थे। इस रोड पर हमें 15 से ज्यादा जत्थे हाथ में ध्वजा लिए बाबा के मंदिर जाते नजर आए।

बाबा के मंदिरों में रही भीड़ जोधपुर रोड गुमटी के पास स्थित छोटा रुणेचा धाम में बाबा रामदेव की प्रतिमा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार नजर आई। यहां मेले जैसे माहौल नजर आया। रामदेवरा जाने वाले जातरू भी यहां दर्शन के लिए रूके। जिनके लिए प्रसादी की व्यवस्था भी मंदिर प्रबंधन ने की। माही बीज को लेकर मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया। इसी तरह बालिया स्कूल के निकट स्थित बाबा रामदेव मंदिर, रामदेव रोड स्थित बाबा रामदेव के मंदिर सहित बाबा के अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं का मेला रहा। आज बाबा रामदेव की प्रतिमा मनमोहक शृंगार किया गया।

खटीक समाज के मंदिर में रही बाबा के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ पाली शहर के मंडिया रोड बालिया स्कूल के पास स्थित खटीक समाज के बाबा रामदेव मंदिर में सोमवार को श्रद्धालुओं का मेला रहा। बैंड बाजे और ढोल धमाकों के साथ पचरंगी ध्वजा चढ़ाई गई। मंदिर पर दिन भर धार्मिक हुए। महिलाओं के मंगलगीतों ने बाबा रामदेव की महिमा का बखान किया। बाबा रामदेव की मंगला आरती की गई। पंडित चिरंजीलाल त्रिवेदी ने बाबा की विशेष पूजा अर्चना कर सभी की खुशहाली की कामना की। इसके बाद समाज बंधुओं का जुलूस मंदिर परिसर से बैंड बाजा और ढोल ताशे के साथ रवाना हुआ। समाज भवन में ध्वजा की पूजा अर्चना कर प्रमुख मार्गो पर मंदिरों में देव दर्शन कर वापस रामदेव मंदिर पर ध्वजा जुलूस पहुंचा। यहां रुणिचा धणी के जैकारे के साथ मंदिर के शिखर पर ध्वजा चढ़ाई गई। मंदिर में प्रमुख भक्तराज रविकुमार भंसाली परिवार की तरफ से लापसी और चने की महाप्रसादी बनाई गई।

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