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43 year old marriage terminated on grounds of mental cruelty | मानसिक क्रूरता के आधार पर 43 साल…

जयपुर की फैमली कोर्ट-1 ने मानसिक क्रूरता के आधार पर तलाक मंजूर करते हुए करीब 43 साल पुराने रिश्ते को समाप्त कर दिया। जज वीरेन्द्र कुमार जसूजा ने प्रशासनिक सेवा में रहे 67 वर्षीय पति की तलाक अर्जी मंजूर की।

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पति ने अपने प्रार्थना पत्र में कोर्ट को बताया कि 1982 में शादी हुई और पत्नी ने ससुराल आते ही छोटा घर होने व नौकर-गाड़ी नहीं होने पर घटिया मानसिकता का आदमी कहना शुरू कर दिया।

गृह क्लेश के कारण मानसिक रूप से परेशान होकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन किया, जो दोनों पक्षों में सुलह के बाद वापस ले लिया। प्रार्थना पत्र में पत्नी पर यह भी आरोप लगाया कि वह एसी कमरे में साथ नहीं सोने देती, चरित्र पर लांछन लगाती है।

बिना आधार आरोप लगाना भी मानसिक क्रूरता अधिवक्ता सुनील शर्मा और गौरव सिंघल ने बताया कि कोर्ट ने अपने आदेश में माना कि पत्नी ने पति के चरित्र पर शक किया और उसे ताने मारे। लेकिन किसी भी आरोप को साबित नहीं कर पाई। कोर्ट ने कहा कि किसी के चरित्र पर बिना आधार के लांछन लगाना भी मानसिक क्रूरता की श्रेणी में माना जाता हैं।

पति ने पत्नी ने पर उम्र छिपाने का भी आरोप लगाया, साथ ही कहा कि वह हंगामा करती है और अपशब्दों का प्रयोग करती हैं। पति ने करीब चाल पहले 2021 में तलाक की अर्जी दायर की थी।

विलासिता का जीवन जीना चाहते है जवाब में पत्नी ने कहा कि उसने कभी न ताने मारे और न स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाले शब्द कहे। कभी लड़ाई-झगड़ा और गाली-गलौच नहीं की। पत्नी ने आरोप लगाया कि पति सेवानिवृत्त हो गया और विलासिता का जीवन जीना चाहता है।

उसने पति की ओर से लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए तलाक के लिए पेश अर्जी को खारिज करने का आग्रह किया।

लेकिन कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर पति की ओर से लगाए गए आरोपों को मानसिक क्रूरता की श्रेणी में मानते हुए तलाक मंजूर कर लिया।

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