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Cheteshwar Pujara retires from International Cricket | चेतेश्वर पुजारा का इंटरनेशनल क्रिकेट से…

2 मिनट पहले

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इंडियन क्रिकेट बैट्समैन चेतेश्वर पुजारा ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने रविवार, 24 अगस्त को सोशल मीडिया पर रिटायरमेंट की जानकारी दी। पुजारा ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच जून 2023 (टेस्ट) में खेला था। उनका इंटरनेशनल करियर 15 साल का रहा।

चेतेश्वर के पिता अरविंद पुजारा खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे। उनका सपना था कि वो इंडियन क्रिकेट टीम में खेले। हालांकि वो सपना पूर नहीं हुआ। फिर उन्होंने चेतेश्वर के जरिए अपना ड्रीम पूरा किया।

थर्ड जनरेशन क्रिकेटर हैं पुजारा

चेतेश्वर के पिता अरविंद पुजारा और चाचा बिपिन पुजारा दोनों सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी थे। इनके अलावा, इनके दादा शिवलाल पुजारा भी उस दौर में क्रिकेट खेलते थे, जब रणजी ट्रॉफी इंडिया में स्टार्ट भी नहीं हुआ था।

एक तस्वीर देखकर पिता ने क्रिकेटर बनाने का निर्णय लिया

4 से 5 साल की उम्र में राजकोट के रेसकोर्स ग्राउंड में पुजारा अपने मामा के साथ क्रिकेट खेल रहे थे। मामा बॉलिंग कर रहे थे और चेतेश्वर बैटिंग। इस दौरान उनके मामा के एक फोटोग्राफर मित्र ने एक तस्वीर खींची। एक हफ्ते बाद उस तस्वीर को पुजारा के पिता जी को दिखाई गई। इसमें प्लास्टिक का बैट लिए पुजारा की निगाहें सटीक बॉल पर टिकी थी।

चेतेश्वर पुजारा के मामा के फोटोग्राफर मित्र द्वारा खींची गई तस्वीर।

पिता को लगा इतनी कम उम्र में जिस तरीके से चेतेश्वर बॉल पर नजर टिका कर बैटिंग कर रहे हैं इसका मतलब है कि इनके भीतर क्रिकेटिंग को लेकर इनबिल्ट टैलेंट है।

7 साल की उम्र से प्रोफेशनल क्रिकेट खेलना शुरू किया

एक इंटरव्यू में चेतेश्वर बताते हैं कि पिता ने 7 से 8 साल की उम्र में उनकी प्रोफेशनली क्रिकेट बॉल से खेलने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। 4 साल हार्ड ट्रेनिंग के बाद उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे उनके मित्र कर्षण घावरी (बॉलर) से मिलाया। कर्षण घावरी को प्यार से सभी कड़ू भाई कहकर बुलाते थे।

कड़ू भाई ने क्रिकेटिंग जर्नी की शुरुआत कराई

दरअसल पिता जी को कड़ू भाई से चेतेश्वर के क्रिकेटिंग करियर के बारे में राय लेनी थी। ताकि, क्रिकेटिंग के आगे की जर्नी के बारे में निर्णय लिया जा सके।

आधे घंटे के वन ऑन वन क्रिकेटिंग सेशन के बाद कड़ू भाई ने चेतेश्वर के पिता जी को गुजराती में बोला ‘छोकरा में दम तो छे’ यानी ‘बंदे में दम तो है’। इस कन्फर्मेशन के बाद चेतेश्वर की क्रिकेटिंग जर्नी की शुरुआत हुई।

चेतेश्वर के पिता अरविंद रेलवे में जॉब करते थे। वे सुबह 7 से 9 और शाम को 5 बजे तक स्कूल से निकलकर देर शाम तक प्रैक्टिस करते थे।

12 साल की उम्र में 300 रन बनाकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया

पुजारा ने 12 साल की उम्र में 7वीं कंप्लीट करने के बाद स्कूल चेंज किया। इसके साथ ही उन्हें पहली अपॉर्चुनिटी मिली। पुजारा को अंडर 14 में सौराष्ट्र को रिप्रेजेंट करने का मौका मिला। उस दौरान अंडर 14 के 3 दिनों के मैच होते थे। पुजारा ने अपने पहले मैच में 300 रन बनाकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था।

अंडर 14, 16 और 19 तीनों टीमों में एक साथ खेले

नेशनल रिकॉर्ड के बाद से ही चेतेश्वर को नए नए मुकाम मिलना शुरू हो गए। इसी साल अंडर 16 में सौराष्ट्र टीम में मौका मिला। फिर अगले ही साल अंडर 19 में सिलेक्ट हो गए। ऐसे में सौराष्ट्र के तीनों टीमों यानी अंडर 14, 16 और 19 तीनों टीमों में एक साथ खेलने का मौका मिला।

चेतेश्वर ने अपना पहला अंडर 19 मैच साल 2003 में राजकोट में खेला।

17 साल की उम्र में मां को खोया

साल 2005 की बात है चेतेश्वर 17 साल के थे। वो डिस्ट्रिक्ट का मैच खेलकर बस से घर वापस लौट रहे थे। टीम का मैनेजर आकर बोलता है कि चेतेश्वर, आज बस स्टैंड पर पिता जी आपको रिसीव करने नहीं आएंगे, बल्कि आपका कजिन ब्रदर आएगा। इससे पहले हमेशा से ऐसा होते आया था कि जब भी चेतेश्वर कोई मैच खेलकर लौटते थे तो उनके पापा या मम्मी उन्हें रिसीव करने आते थे। ऐसा पहली बार हो रहा था जब कोई दूसरा इंसान पिक करने आ रहा था।

बस से उतरकर चेतेश्वर ने अपने भाई के बॉडी लैंग्वेज देखी तो ऐसा लगा जैसे घर में कुछ तो गड़बड़ हुआ है। हालांकि पूछने के बावजूद कजिन ने कुछ बताया नहीं। फिर वह चेतेश्वर को उनके घर के बजाय चेतेश्वर के मामा के घर ले गया। वहां पहुंचकर चेतेश्वर ने देखा कि सारे रिश्तेदार और दोस्त वहां इकट्ठा हैं। फिर बताया गया कि अब उनकी मां नहीं रही।

मां के निधन के बाद 3 से 4 महीने तक सदमे में रहे। हालांकि उन्होंने क्रिकेट खेलना जारी रखा। फिर उनका सिलेक्शन सौराष्ट्र की फर्स्ट क्लास टीम में हो गया। दिसंबर, 2005 में उन्होंने सौराष्ट्र के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया।

अंडर 19 वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने

2005 में चेतेश्वर का सिलेक्शन इंडियन वर्ल्ड कप टीम में हो गया। इसके बाद वो श्रीलंका में हुए ICC अंडर 19 वर्ल्ड कप 2006 में भारत के लिए खेले। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 349 रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू हुआ

9 अक्टूबर 2010 को बेंगलुरु टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिए चेतेश्वर का इंटरनेशनल डेब्यू हुआ। उन्होंने डेब्यू मैच में ही 72 रन की अर्धशतकीय पारी खेली। इसके बाद उन्हें राहुल द्रविड़ के संभावित उत्तराधिकारी कहा जाने लगा।

चेतेश्वर और पूजा की शादी 13 फरवरी 2013 को हुई थी।

शादी के लिए चेतेश्वर ने 6 लाइन का बायोडाटा भेजा

भास्कर से एक इंटरव्यू में चेतेश्वर से शादी के बारे में पूजा ने बताता हैं, शादी के लिए जब मुझे चेतेश्वर का बायोडाटा मिला तो वह सिर्फ 6 लाइन का था। उसमें वजन लिखा था 76 किलोग्राम लेकिन हाइट का जिक्र नहीं था। उन्हें लगा शायद पुजारा ने मजबूरी में अपना बायोडेटा तैयार किया हो। उसमें कोई डिटेल नहीं थी। हालांकि साल 2012 में चेतेश्वर और पूजा की मुलाकात हुई और साल 2013 में शादी।

पूजा पहली इंडियन क्रिकेटर की वाइफ हैं जिसने किताब लिखी

पूजा की किताब का नाम ‘द डायरी ऑफ अ क्रिकेटर वाइफ’ है।

चेतेश्वर पुजारा की पत्नी पूजा पुजारा ने ‘द डायरी ऑफ अ क्रिकेटर वाइफ’ नाम की एक बुक पब्लिश की है। इसमें उन्होंने चेतेश्वर के साथ अपनी पहली मुलाकात, लव मैरिज, चेतेश्वर के करियर के बुरे दौर और भारतीय क्रिकेट टीम की अंदरूनी कहानी के बारे में लिखा है।

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