Family Court Judge: फैमिली कोर्ट में महिला से अश्लील सवाल, हाईकोर्ट ने जज के ट्रांसफर का दिया…

महिलाओं के खिलाफ अश्लील टिप्पणियों को लेकर केरल हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के एक जज के ट्रांसफर का आदेश दिया है. महिलाओं संग आपत्तिजनक व्यवहार को लेकर चावारा फैमिली कोर्ट के जज उदयकुमार वी का ट्रांसफर कोल्लम मोटर ऐक्सिडेंट क्लेम्स ट्राइब्यूनल में किया गया.
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने कोल्लम के प्रधान जिला जज को पत्र लिखकर जज पर गंभीर आरोप लगाए थे. महिला ने कहा कि काउंसलिंग के दौरान जज महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार करते हैं और अश्लील टिप्पणियां करते हैं. जानकारी के मुताबिक कोल्लम में मोटर ऐक्सिडेंट क्लेम्स ट्राइब्यूनल के जज प्रसन्ना गोपालन का ट्रांसफर फैमिली कोर्ट में कर दिया गया है.
मामले में हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
जिला न्यायालय के रजिस्ट्रार ने दोनों के म्यूचुअल ट्रांसफर का आदेश जारी कर दिया है. हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति ने इस मामले की जांच के भी आदेश दिए हैं. रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट आगे कार्रवाई भी कर सकता है. फैमिली कोर्ट में परिवारिक समस्याओं को निपटारा किया जाता है. इसकी स्थापना 1984 के परिवार न्यायालय अधिनियम के तहत की गई है. फैमिली कोर्ट का काम पारिवारिक कलह, शादी और तलाक से संबंधित मामलों का निपटारा करवाना होता है.
कौन-कौन से मामलों की फैमिली कोर्ट में होती है सुनवाई
फैमिली कोर्ट की स्थापना से पहले जिला न्यायालय में ही घरेलू मामले भी लाए जाते थे. न्यायालयों पर बोझ और सुनवाई में देरी को देखते हुए फैमिली कोर्ट बनाए गए. विरासत और बच्चे को गोद लेने संबंधित मामले भी फैमिली कोर्ट में ही निपटाए जाते हैं. फैमिली कोर्ट में समस्या का समाधान ना होने पर ही उसे मध्यस्थता के लिए भेजा जाता है. यहां से भी हल ना निकलने पर केस ऊपरी अदालत में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
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