Disclosure in Jaipur Heart Rhythm Summit | जयपुर हार्ट रिद्म समिट में खुलासा: छुट्टी के बाद…

सोमवार को दिल के दौरे का खतरा सप्ताह के अन्य दिनों की तुलना में अधिक होता है। यह चौंकाने वाली जानकारी जयपुर हार्ट रिद्म समिट-2025 में सामने आई। ब्रिटेन और आयरलैंड में हुई रिसर्च के अनुसार गंभीर हार्ट अटैक (एसटीईएमआई) के मामले सोमवार को औसतन 13% अधिक
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इस बढ़ोतरी का प्रमुख कारण है; सप्ताहांत के आराम के बाद अचानक कार्यभार बढ़ना, तनाव में वृद्धि और शरीर की सर्कैडियन रिद्म में बदलाव। मेदांता के डॉ. कार्तिकेय भार्गव ने बताया कि सोमवार को कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर 23-25% अधिक पाया गया।
- काम की शुरुआत, सुबह की जल्दी, नींद की कमी और मानसिक दबाव दिल पर अतिरिक्त तनाव डालते हैं।
क्लिनिकल प्रेजेंटेशन व उपचार की नई दिशा
- कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ व ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. कुश कुमार भगत ने बताया कि पहले दिन कई विशेषज्ञों ने कार्डियक डिसऑर्डर पर प्रस्तुतियां दीं।
- डॉ. सी.बी. मीणा: नैरो QRS टैकिकार्डिया की क्लिनिकल डायग्नोसिस।
- डॉ. सुचित मजूमदार: ब्रॉड कॉम्प्लेक्स टैकिकार्डिया पर विचार।
- डॉ. कार्तिकेय भार्गव: हार्ट फेल्योर में आईसीडी, सीआरटी, और सीएसपी थेरेपी के परिणाम।
एथलीट भी कराएं नियमित जांच डॉ. पिंटू नाहटा ने कहा कि फिजिकल फिटनेस और हार्ट फिटनेस में अंतर होता है। जरूरी नहीं कि जो व्यक्ति दिखने में फिट हो, उसके दिल में कोई समस्या न हो। एथलीट्स को भी साल में कम से कम दो बार ईसीजी और इकोकार्डियोग्राफी करानी चाहिए, ताकि अचानक कार्डियक अरेस्ट की आशंका को रोका जा सके।
आईसीयू मरीजों में अरिद्मिया एक गंभीर चुनौती
- डॉ. विवेक माथुर ने बताया कि आईसीयू में भर्ती करीब 15-20% मरीज अनियंत्रित धड़कन यानी अरिद्मिया से पीड़ित होते हैं। इनमें एट्रियल फिब्रिलेशन और वेंट्रिकुलर टेकीकार्डिया सबसे आम हैं, जो मृत्यु दर को बढ़ाते हैं। अब इन रोगियों के लिए इलाज में क्रायो एब्लेशन तकनीक इस्तेमाल की जा रही है।
- एसएमएस में भी सोमवार को ज्यादा कार्डियक ओपीडी रहती है, सबसे अधिक केस इसी दिन रिपोर्ट होते हैं। हालांकि इसका कारण रविवार भी हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि वर्कलोड स्ट्रेस ही सबसे बड़ी वजह है।