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congress president mallikarjun Kharge said after vote theft bjp trying government theft | खड़गे…

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नई दिल्ली13 मिनट पहले

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खड़गे ने रविवार को हरियाणा-मध्यप्रदेश के जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्षों की बैठक ली।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- भाजपा ‘वोट चोरी’ के बाद अब ‘सत्ता चोरी’ में लगी है। लोकसभा में पेश PM-CM की बर्खास्तगी का बिल विपक्षी सरकारों को 30 दिन में गिराने और लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल नागरिकों से अपनी चुनी हुई सरकार बनाने या हटाने का अधिकार छीन लेता है, ED-CBI जैसी एजेंसियों को ये अधिकार सौंप देते हैं। ऐसा होना लोकतंत्र पर बुलडोजर चलाने जैसा है।

खड़गे ने कहा- मोदी जी जिन लोगों को पहले भ्रष्ट कहते थे, आज उन्हें मंत्री बना दिया। 193 केसों में ED ने विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई की, लेकिन सिर्फ 2 में ही सजा हुई।

उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में विपक्ष चाहता था कि SIR (Special Intensive Revision) और वोट चोरी जैसे मुद्दों पर चर्चा हो, लेकिन सरकार ने टाल दिया। भाजपा वोटर लिस्ट में धांधली करके कांग्रेसी वोट कटवाने की कोशिश में है।

दरअसल, खड़गे ने रविवार को दिल्ली में इंदिरा भवन में हरियाणा-मध्यप्रदेश के जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्षों की मीटिंग ली। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा- फूट डालो और राज करो की राजनीति कांग्रेस में नहीं चलनी चाहिए।

मीटिंग में शामिल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेता।

मीटिंग में शामिल हरियाणा-मध्यप्रदेश के जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्ष।

खड़गे बोले- संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत

हरियाणा-मध्यप्रदेश के जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्षों की मीटिंग में खड़गे ने कहा​​​​​​- कांग्रेस ने लंबे समय तक देश पर राज इसलिए किया, क्योंकि संगठन मजबूत था। अब उसी पर वापस लौटने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि DCC अध्यक्ष बूथ और मंडल स्तर पर कमेटियां बनाते समय सिर्फ वफादार और मेहनती कार्यकर्ताओं को जगह दें। फूट डालो और राज करो की राजनीति कांग्रेस में नहीं चलनी चाहिए।

वहीं, राहुल गांधी ने भी DCC प्रेसिडेंट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और जनता की आवाज उठाने की दिशा में अहम कदम है।

शाह ने 20 अगस्त को लोकसभा में बिल पेश किया था

शाह के बिल पेश करने के बाद विपक्षी सांसद वेल में आकर हंगामा करने लगे थे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 20 अगस्त को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार और लगातार 30 दिन हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने के प्रावधान वाले बिल पेश किया था। इस दौरान विपक्ष के भारी विरोध और हंगामा किया। कुछ सदस्यों ने बिल की कॉपियां फाड़ दीं।

21 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने शोर-शराबे के बीच इन्हें राज्यसभा में रखा था। अगले दिन गंभीर आरोपों में गिरफ्तार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को 30 दिन बाद पद से हटाने से जुड़े इन 3 बिलों संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा गया।

JPC में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल होंगे। रिपोर्ट शीतकालीन सत्र में सौंपी जाएगी। बिल के प्रावधानों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। वहीं, संविधान के 130वें संशोधन बिल पर विशेषज्ञों की राय भी बंटी है।

एक वर्ग इसे राजनीति के शुद्धिकरण के तौर पर देख रहा है। वहीं, कानूनी बिरादरी से जुड़े वर्ग का कहना है कि राज्यों में विपक्षी सरकार को अस्थिर करने या राजनीतिक बदले की भावना से एक्ट के दुरुपयोग की आशंका रहेगी। यही वजह है कि इसे आसानी से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी। पूरी खबर पढ़ें…

CBI-ED ने 2014 के बाद 13 सिटिंग मंत्रियों को गिरफ्तार किया 2014 के बाद कम से कम 13 सिटिंग मंत्रियों को CBI-ED गिरफ्तार कर चुकी हैं। इनमें से 10 गिरफ्तारी PMLA के कड़े प्रावधानों के तहत हुईं। अधिकतर गिरफ्तारी APP शासित दिल्ली और TMC शासित पश्चिम बंगाल में हुईं।

किसी भाजपाई मंत्री की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सिर्फ उत्तर प्रदेश के मंत्री राकेश सचान को अवैध हथियार के मामले में एक वर्ष की सजा हुई थी। वह जमानत के बाद द पर बने हुए हैं।

केजरीवाल ने गिरफ्तारी के 6 महीने बाद भी इस्तीफा नहीं दिया था

शराब नीति केस केस में तत्कालीन CM केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था।- फाइल फोटो

केंद्र सरकार का मानना है कि ये तीनों बिल लोकतंत्र और सुशासन की साख मजबूत करेंगे। अब तक संविधान के तहत केवल दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधियों को ही पद से हटाया जा सकता था। मौजूदा कानूनों में संवैधानिक पद पर बैठे नेताओं को हटाने को लेकर स्पष्ट व्यवस्था नहीं है।

इसको लेकर कानूनी और सियासी विवाद होते रहे हैं। दिल्ली के तत्कालीन CM अरविंद केजरीवाल शराब नीति केस केस में ED की गिरफ्तारी के बाद भी पद पर थे। जमानत के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था।

इधर, तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी भी 241 दिन जेल में रहते हुए मंत्री रहे थे, बालाजी को मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MTC) में नौकरी के बदले नकद घोटाले के आरोपों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जून 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। इसके बाद भी वह 13 फरवरी 2024 तक पद पर बने रहे थे।

गिरफ्तारी से पहले वे बिजली, आबकारी और मद्य निषेध विभाग संभाल रहे थे। गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उन्हें “बिना विभाग वाला मंत्री” बनाए रखा और उनके विभाग अन्य सहयोगियों को सौंप दिए।

शाह आज जो तीन बिल पेश करेंगे, उनमें आपराधिक आरोपों के प्रकार को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन अपराध के लिए कम से कम पांच साल की जेल की सजा होनी चाहिए। इसमें हत्या और यहां तक कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार जैसे गंभीर अपराध भी शामिल होंगे।

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खड़गे बोले-भाजपा सत्ता के लिए किसी भी हद तक जाएगी: कहा- बिहार SIR के नाम पर विपक्ष के वोट काटे जा रहे, जिंदा लोगों को मृत बताया

मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में तिरंगा फहराया था।

बिहार SIR के विरोध और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के विवाद के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए अनैतिकता की किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि देश भर के चुनावों में कई गड़बड़ी सामने आ रही हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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