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Chief Minister and Union Minister reached Pachpadara Refinery | मुख्यमंत्री-केंद्रीय मंत्री ने…

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी रविवार को बालोतरा की पचपदरा रिफाइनरी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बस से रिफाइनरी क्षेत्र को देखा, साथ ही कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया।

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा-पिछली बार में जनवरी के महीने में आया था, तब से बहुत काम हुआ है। लगातार मैं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के संपर्क में हूं। आने वाले समय में बहुत जल्दी आपको खुशखबरी मिलेगी। रिफाइनरी से पूरे क्षेत्र का विकास होगा। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए यहां पौधारोपण भी किया जाएगा।

वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा-केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एचपीसीएल इस काम को साल के अंत तक या उससे पहले पूरा कर देंगे। बहुत जल्दी रिफाइनरी चालू हो जाएगी। आज मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम का उद्घाटन कर दिया है। बाकी फैसिलिटी भी शुरू हो गई है। रिफाइनरी से क्षेत्र ही नहीं, पूरे राजस्थान का विकास होगा। आगे इसमें विस्तार की भी कैपेसिटी है। यहां एचपीसीएल एक स्किल डवलपमेंट सेंटर भी खोलेगा।

मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने रिफाइनरी क्षेत्र का दौरा किया।

अधिकारियों के साथ बैठक की

इससे पहले मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक कर रिफाइनरी प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की और जल्द से जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के साथ पूर्व सांसद कर्नल मानवेंन्द्र सिंह, मुख्य सचिव सुधांश पंत, ACS शिखर अग्रवाल, प्रभारी मंत्री जोराराम कुमावत, राज्य मंत्री के के विश्नोई, सिवाना विधायक हमीर सिंह, पचपदरा विधायक अरुण चौधरी, बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी समेत अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने रिफाइनरी क्षेत्र में काम कर रहे इंजीनियर्स और वर्कर्स के साथ फोटो खिंचवाई।

12 साल में दोगुनी हुई लागत

साल 2013 में शुरू हुए ​रिफाइनरी के प्रोजेक्ट को लेकर दावा था कि साल 2025 तक इसका काम पूरा हो जाएगा। हालांकि अभी 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इधर, इन 12 सालों में रिफाइनरी की लागत भी दो गुना हो चुकी है। साल 2013 में रिफाइनरी की लागत 37 हजार करोड़ थी, जो साल 2024 में बढ़कर 72 हजार करोड़ से ज्यादा हो चुकी है।

9 मिलियन टन प्रोडक्शन प्रति वर्ष होगा

एचपीसीएल और राजस्थान सरकार की संयुक्त उद्यम कंपनी एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) की ओर से सालाना 9 मिलियन टन प्रोडक्शन किया जाएगा। ये बीएस-6 मानक की रिफाइनरी होगी।

रिफाइनरी में क्रूड/वैक्यूम डिस्टीलेशन यूनिट व डिलेड कॉकर यूनिट का करीब 95.5 प्रतिशत, हाइड्रोजन जेनरेशन यूनिट और डीजल हाइड्रोजन यूनिट का 98.7 प्रतिशत से अधिक और वीजीओ-एचडीटी यूनिट आदि का काम 95.3 फीसदी काम किया जा चुका है।

रिफाइनरी की लागत 37 हजार करोड़ से बढ़कर 72 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी है।

10 प्रोसेस इकाइयों का 94 से 98 फीसदी काम पूरा

18 जुलाई को जयपुर में खान विभाग की हुई मीटिंग में बताया गया कि रिफाइनरी की 10 प्रोसेस इकाइयों का करीब 94 से 98 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया है। परियोजना क्षेत्र में करीब 87.9 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। एसआरयू यूनिट को अलग कर 96.9 प्रतिशत काम हो गया है। वहीं पेट्रोकेमिकल सेक्शन इलाके और सल्फर रिकवरी यूनिट के काम में तेजी लाने और कार्य की गुणवत्ता पर जोर दिया गया था।

विभाग के अनुसार सल्फर रिकवरी यूनिट का काम क्रूड ऑयल से सल्फर रिकवरी यूनिट का काम क्रूड ऑयल से सल्फर को अलग करने का काम रहता है। इसी यूनिट में अधिक समय लग रहा है।

समय के साथ बढ़ रही रिफाइनरी की लागत

पचपदरा में 4567.32 एकड़ जमीन पर बन रही रिफाइनरी की क्षमता 9 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) है। वर्तमान में कुछ यूनिट का कार्य 90 से 98 फीसदी तक पूरा हो गया है। मार्च-अप्रैल 2025 तक यूनिट का कार्य पूरा कर प्रोडक्शन शुरु करने को लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा था।

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