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Demand for change in OBC reservation | ओबीसी आरक्षण में बदलाव की मांग: रावणा राजपूत महासभा ने…

जयपुर में अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा ने दो प्रमुख मांगें उठाई हैं।

जयपुर में अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा ने दो प्रमुख मांगें उठाई हैं। पहली मांग आगामी राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी की अलग से गणना करने की है। दूसरी मांग ओबीसी वर्ग से क्रीमीलेयर को समाप्त करने की है।

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महासभा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र रावणा ने जाति जनगणना का ऐतिहासिक संदर्भ प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश काल में 1872 से 1931 तक नियमित जाति जनगणना होती थी। आजादी के बाद सरकार ने केवल एससी-एसटी की गणना जारी रखी। 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना हुई, लेकिन उसके जाति आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए।

रावणा ने कहा कि अति पिछड़ी जातियों को ओबीसी में संपन्न जातियों के साथ रखना सामाजिक न्याय के खिलाफ है।

रावणा ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत पिछड़े वर्गों को आबादी के अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आरक्षण का आधार सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन है, तो क्रीमीलेयर जैसा आर्थिक मानदंड क्यों रखा गया है।

उन्होंने EWS आरक्षण का भी जिक्र किया, जिसमें सामान्य वर्ग को बिना किसी सामाजिक आधार के 10% आरक्षण मिला है। साथ ही घुमंतू जातियों को SBC के तहत 5% आरक्षण दिया गया है। उनका कहना है कि अति पिछड़ी जातियों को ओबीसी में संपन्न जातियों के साथ रखना सामाजिक न्याय के खिलाफ है।

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