The situation in Sawai Madhopur has worsened | सवाई माधोपुर में बिगड़े हालात, ओवरफ्लो बांध ने…

सवाई माधोपुर जिले में बीते तीन दिनों तक हुई मूसलाधार ने कई गांवों में तबाही मचा दी है। जोरदार बारिश से भगवतगढ़ बांध ओवरफ्लो हो चुका है, जिसका पानी गांवों में घुस गया।
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बांध से जुड़ी जड़ावता नहर के तेज बहाव ने जड़ावता गांव के खेतों में करीब 50 फीट गहरी खाई बना दी। कटाव के कारण कई गांवों में 2 मकान गिर गए। राहत कार्यों के लिए कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कमान संभाली है। जबकि कलेक्टर- एसपी सहित कई आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
जेसीबी से रास्ता बनाकर गांवों से पानी की निकासी की जा रही है, वहीं लगातार बढ़ रहे कटाव को देखते हुए सेना को भी बुलाया गया है। हजारों लोग घरों में बीते 2 दिनों से भूखे- प्यासे कैद है।
बनास नदी में लगातार पानी बढ़ने के कारण तीन दिनों से चौथ का बरवाड़ा शिवाड़ मार्ग बंद है। संपर्क टूटने से आवाजाही थम गई है।
इस बीच बारिश के बाद बिगड़े हालातों के मद्देनजर जिले में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की 25 अगस्त को छुट्टी घोषित कर दी गई है।
पढ़िए… पूरी रिपोर्ट
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जड़ावता गांव पहुंचे और आपदा विभाग से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
जड़ावता में कैबिनेट मंत्री और सेना ने कमान संभाली जड़ावता गांव में हालात सबसे ज्यादा बुरे है। खेतों में लगातार कटाव बढ़ रहा है। आज कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा मौके पर पहुंचे। जड़ावता और कोशाली गांव के ग्रामीणों से समझाइश की गई। तेज बहते पानी को रोकने के लिए मिट्टी के कट्टे रखकर पानी को मोड़ने का प्रयास किया गया।
सेना की रैपिड 18 डिवीजन के मेजर तूफेल मोहम्मद व मेजर अभिनव राय के साथ ही कलेक्टर काना राम, SP अनिल कुमार बेनीवाल, ASP रामकुमार कस्वां, SDM दामोदर सिंह, तहसीलदार मदनलाल मीणा, सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमें मौजूद रहीं। कटाव के कारण गांव के कई घरों के ढहने की नौबत आ चुकी है। इससे ग्रामीणों में डर बैठ गया है। हालांकि कैबिनेट मंत्री ने जेसीबी मशीन पर चढ़कर टीम को पानी का बहाव रोकने के निर्देश दिए।
एलएनटी मशीन पर चढ़कर कैबिनेट मंत्री ने पानी निकासी के लिए रास्ता बनवाया। उनका कहना है कि वे हर संभव मदद करेंगे।
इस बीच ग्रामीण शेर सिंह का कहना है- गांव में तीसरी बार पानी आया है, लेकिन बार-बार प्रशासन को बताने के बाद भी हालात नहीं सुधरे। मकान गिरने की कगार पर है। मंत्री समेत कई अधिकारी आए थे, लेकिन देखकर चले गए।
सवाई माधोपुर के पुराने शहर में बारिश के बाद पल्ली पार की कॉलोनी में पानी भर गया।
चौथ का बरवाड़ा से शिवाड़ मुख्य मार्ग संपर्क टूटा, लोग फंसे जोरदार बारिश के कारण कई हिस्सों का एक- दूसरे कस्बे से संपर्क टूट गया है। सड़क धंस गई है। बनास नदी का पानी बढ़ने से चौथ का बरवाड़ा से शिवाड़ का मुख्य मार्ग तीन दिन से बंद पड़ा है।
रास्ते बंद होने के कारण लोगों की आवाजाही बंद हो गई। घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार- रोजमर्रा की चीजों को जुटाने में भी दिक्कतें आ रही है। कई गांवों में किसान घरों की छतों पर रात गुजार रहे हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
गांवों में कमर तक भरा पानी मूसलाधार बारिश सूरवाल गांव में भी तबाही लाई है। गांव में चार से पांच फीट तक पानी भरा है। आवाजाही बंद हो चुकी है। पानी में डूबने से गाड़ियां बंद हो चुकी है। घरों में 5 फीट तक पानी भरा है। बुजुर्ग लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
अकबर खान ने बताया- सूरवाल गांव में बारिश कहर बनकर टूटी। हाईवे पर भी तेज बहाव रहा। इसके कारण 8 से 10 गांवों में हालात बदतर हो गए हैं। इनमें दुब्बी, झोपड़ा, गोगार, कुसेदा, धेनुआ समेत कई गांव है। बारिश के कारण हम जैसे लोग घरों में कैद हो गए। खेतों और गांवों के सभी रास्तों पर कई फीट पानी भरा है, जिससे गांवों में लोग 2 दिन से भूखे- प्यासे हैं।
कौशल्या ने बताया- घर में कमर तक पानी भरा है। बिस्तर भीग चुके है। घर छोड़कर बाहर सोना पड़ रहा है। छोटे बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। चार दिन से कपड़े भीगे हुए है। हालात बदतर है। पानी में खड़े होकर खाना कैसे बनाए, भूखे-प्यासे है। काफी परेशानी हो रही है।
रामराज ने बताया- घर में 4 से 5 फीट तक पानी भरा है। बीमार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है। बकरी समेत दूसरे मवेशियों को भी बचाने के लिए दूसरे घरों में शिफ्ट किया है। बारिश के कारण हालात बदतर है। प्रशासन को सुध लेनी चाहिए।
प्रभावित लोगों के लिए नगर परिषद समेत कई टीमों की ओर से फूड पैकेट और खाने की व्यवस्था की गई है।
लोगों को बांट रहे खाना नगर परिषद सवाई माधोपुर की ओर से निचले इलाकों में प्रभावित लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। इसके लिए नगर परिषद की ओर से अलग-अलग टीमें बनाई गई है। टीमें जल भराव वाले इलाकों में लोगों को भोजन के पैकेट बांट रही है। इसी तरह ग्रामीण इलाकों में यह व्यवस्था ग्रामपंचायत की ओर से की गई है।
प्रभावित लोगों को गरम खाना खिलाने के लिए कई स्थानों पर निशुल्क खाने की व्यवस्था की गई है, लेकिन राहत फिलहाल नाकाफी है। ग्रामीणों का कहना है कि मंत्री और जिला प्रशासन के अधिकारी आए तो, लेकिन मदद नहीं की। वे आए और चले गए।
गणेश चतुर्थी मेला पर संकट बारिश के चलते रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग स्थित मिश्र दर्रा गेट की आज मरम्मत की गई। रविवार सुबह खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल, कलेक्टर कानाराम ने पहुंचकर हालात का जायजा लिया। इसके बाद गेट को दुरुस्त कर दिया गया। फिलहाल गणेश चतुर्थी पर मेले को लेकर संशय बना हुआ है। मेले को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का ऑफ रिकॉर्ड कहना है कि अगर तेज बारिश रही तो मेले के आयोजन को टाला भी जा सकता है।
देखिए तस्वीरें…
जड़ावता गांव में खेत में बने कटाव का दायरा लगातार बढ़ रहा है।
जड़ावता गांव में करीब 50 फीट गहरा कटाव हो गया है, जिससे ग्रामीणों के घर और दुकानें गिरने की आशंका बढ़ गई है।
तस्वीर, डॉ. किरोड़ीलाल की है। वे खुद मौके पर पहुंचे और पानी की निकासी करवाई।