Former judge Ganpat Singh Bhandari’s book was released | पूर्व न्यायाधीश गणपत सिंह भंडारी की…

रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश गणपत सिंह भंडारी की किताब का लोकार्पण हुआ।
ओटीएस परिसर स्थित बी.एस. मेहता सभागार रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश गणपत सिंह भंडारी की किताब डिलिवरिंग इंस्टेंट जस्टिस: मैमोरी ऑफ ए फॉर्मर जज (त्वरित न्याय एक पूर्व न्यायाधीश की स्मृतियां) का लोकार्पण हुआ।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल रहे। उन्होंने कहा कि लंबित मामलों के निपटारे के लिए शाम की अदालतों की व्यवस्था पर गंभीरता से विचार होना चाहिए। सेवानिवृत्त न्यायाधीश भी इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। न्याय केवल त्वरित ही नहीं, बल्कि निष्पक्ष होना आवश्यक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल रहे।
इस अवसर पर एस.पी. शर्मा (पूर्व न्यायाधीश) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि यह विमोचन केवल एक पुस्तक का लोकार्पण नहीं, बल्कि न्यायिक सुधारों की शुरुआत है। न्याय में विलंब अन्याय है, लेकिन जल्दबाजी में दिया गया निर्णय भी न्याय की हत्या हो सकता है।
हमेशा तेज और निष्पक्ष न्याय में विश्वास किया
समारोह में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गणपत सिंह सिंघवी, बीएमवीएसएस- जयपुर फुट के संस्थापक डॉ. डी.आर. मेहता, पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस.एस. कोठारी, न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता और जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जोसेफ सहित कई अतिथि मौजूद रहे।
लेखक गणपत सिंह भंडारी ने अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा तेज और निष्पक्ष न्याय में विश्वास किया। उन्होंने अभियुक्तों के हस्तलिखित बयान, घटनास्थल का निरीक्षण और अदालत में चेतावनियां जारी करने जैसे अनुभवों को पुस्तक में शामिल किया है।
भंडारी का मॉडल पूरे देश में लागू होना चाहिए
प्रो. रमेश अरोड़ा ने पुस्तक की सराहना की, कहा कि यह संस्मरण युवा अधिवक्ताओं के लिए प्रेरणा बनेगा। वहीं प्रेम भंडारी (अध्यक्ष, RANA – न्यूयॉर्क) ने घोषणा की कि यह पुस्तक राजस्थान की न्यायपालिका और देशभर के विधि संस्थानों में वितरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में न्यायिक प्रक्रिया इतनी लंबी खिंच जाती है कि कई बार मुकदमे पीढ़ियों तक चलते रहते हैं। भंडारी का कार्यप्रणाली मॉडल पूरे देश में लागू होना चाहिए।
समारोह में प्लांटेशन बोर्ड के अध्यक्ष सत्वेश शर्मा और निदेशक प्रवीण शर्मा ने प्रेम भंडारी की ओर से लेखक का सम्मान किया।