Adaptive Radiation Therapy Initiative for Cancer Patients | कैंसर रोगियों के लिए एडेप्टिव…

जयपुर में आयोजित एलेक्टा कनेक्ट संगोष्ठी और हैंड्स-ऑन वर्कशॉप में ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञों को नई तकनीक पर प्रशिक्षण दिया गया।
भारत में हर साल सामने आने वाले 14 लाख से अधिक कैंसर मामलों को देखते हुए प्रिसीजन रेडिएशन थेरेपी की अग्रणी कंपनी एलेक्टा ने कैंसर रोगियों को अधिक सटीक और उन्नत इलाज उपलब्ध कराने की पहल की है। कंपनी ने एडेप्टिव रेडिएशन थेरेपी (एआरटी) तकनीक को भारत में
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जयपुर में आयोजित एलेक्टा कनेक्ट संगोष्ठी और हैंड्स-ऑन वर्कशॉप में ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञों को नई तकनीक पर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञ व्याख्यान, पैनल डिस्कशन और ऑनलाइन एआरटी का लाइव डेमो भी हुआ।
कार्यक्रम में विशेषज्ञ व्याख्यान, पैनल डिस्कशन और ऑनलाइन एआरटी का लाइव डेमो भी हुआ।
एडेप्टिव रेडिएशन थेरेपी (एआरटी) ऐसी तकनीक है जिसमें इलाज के दौरान रोगी के प्रतिदिन लिए गए इमेजिंग स्कैन के आधार पर ट्रीटमेंट प्लान में बदलाव किया जा सकता है। इससे ट्यूमर को अधिक सटीकता से निशाना बनाया जाता है और आसपास के संवेदनशील अंगों को अनावश्यक रेडिएशन से बचाया जा सकता है। इस तकनीक से इलाज के दुष्प्रभाव और विषाक्तता कम होती है तथा रोगी का उपचार सुरक्षित और प्रभावी बनता है।
एलेक्टा इंडिया के उपाध्यक्ष शंकर शेषाद्रि ने कहा कि एलेक्टा कनेक्ट के जरिए हमारा लक्ष्य है कि भारत में एआरटी को जल्द से जल्द क्लिनिकल प्रैक्टिस का हिस्सा बनाया जाए। विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां कैंसर का बोझ अधिक है, वहां ऑन्कोलॉजिस्ट्स को विशेषज्ञता और संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मार्केटिंग हेड करण मेहरोत्रा ने बताया कि हैंड्स-ऑन वर्कशॉप और नए नवाचारों के जरिए न केवल डॉक्टरों की स्किल डेवलप हो रही है बल्कि विश्वस्तरीय कैंसर इलाज तक मरीजों की पहुंच भी आसान हो रही है।
गीतांजलि मेडिकल कॉलेज, उदयपुर के डॉ. रमेश पुरोहित ने कहा कि एआरटी से वास्तविक समय में उपचार योजनाओं में बदलाव संभव होगा, खासकर सिर और गर्दन के कैंसर में जहां अंगों और ट्यूमर की गतिशीलता सामान्य होती है।
आरएचएल रेनोवा कैंसर सेंटर, जयपुर के डॉ. मनीष चोमल ने कहा कि भारत में उन्नत अवस्था में कैंसर के मरीजों की संख्या अधिक है। एआरटी तकनीक सटीकता लाकर न केवल दुष्प्रभाव घटाएगी बल्कि मरीजों के जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर करेगी।