Anil Ambani Loan Fraud Case; Bank Of India | Reliance Communications | BOI ने अनिल अंबानी के…

मुंबई11 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद बैंक ऑफ इंडिया ने भी अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के लोन खाते को फ्रॉड घोषित किया है। बैंक ने फाइलिंग में बताया है कि बैंक से लिए फंड का गलत इस्तेमाल किया गया था। इसमें कंपनी के पूर्व निदेशक अनिल अंबानी का नाम भी शामिल है।
ये लोन का मामला 2016 का है। बैंक का कहना है कि अनिल अंबानी और उनके कुछ पूर्व डायरेक्टर्स ने फंड्स को डायवर्ट (यानी इधर-उधर कर दिया)। इसलिए, बैंक ने अनिल अंबानी का नाम भी इस फ्रॉड केस में लिया है। बैंक ऑफ इंडिया ने RCom को 700 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था।
इस मामले में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने कहा कि उसे 22 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया से 8 अगस्त का एक लैटर मिला है। इसमें बैंक के कंपनी अनिल धीरजलाल अंबानी (कंपनी के प्रमोटर और पूर्व निदेशक) और मंजरी अशोक कक्कड़ (कंपनी की पूर्व निदेशक) के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने के बारे में बताया गया है।
CBI ने अनिल अंबानी के खिलाफ केस दर्ज किया इससे पहल कल यानी 23 अगस्त को CBI ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) के खिलाफ 2,929 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड मामले में केस दर्ज कियाथा। CBI ने मुंबई में रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के ऑफिस और अनिल अंबानी के घर पर शनिवार (23 अगस्त) को छापेमारी भी की है। यह फ्रॉड स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से जुड़ा है।
मामला SBI द्वारा अनिल अंबानी से जुड़े रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब 2,929 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है। कंपनी ने ये लोन नहीं चुकाया। इसे फ्रॉड माना गया, क्योंकि कंपनी ने लोन के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया या नियमों का पालन नहीं किया।
अनिल अंबानी की कंपनियों पर लोन के गलत इस्तेमाल का आरोप कुछ दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और खुद अनिल अंबानी को “फ्रॉड” घोषित किया था। SBI का कहना है कि RCom ने बैंक से लिए गए 31,580 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया।
इसमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए। 12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए। SBI ने ये भी कहा कि हम इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के पास शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में है।
इसके अलावा अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल इन्सॉल्वेंसी (दिवालियापन) की कार्रवाई भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में चल रही है।