Elon Musk की खतरनाक चाल, जानें क्या है Macrohard? खत्म हो जाएगी इंसानों की ज़रूरत

Macrohard AI: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अपनी नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी Macrohard लॉन्च करने का ऐलान किया है. यह कंपनी खासतौर पर सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनी को चुनौती देने के मकसद से बनाई जा रही है. मस्क ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस नए प्रोजेक्ट का खुलासा किया. उन्होंने लिखा कि Macrohard नाम भले ही मज़ाकिया अंदाज़ में रखा गया है लेकिन यह प्रोजेक्ट बिल्कुल वास्तविक है. मस्क के अनुसार, चूंकि माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां खुद हार्डवेयर नहीं बनातीं, इसलिए उनके सॉफ्टवेयर मॉडल को पूरी तरह AI की मदद से दोबारा तैयार किया जा सकता है.
Join @xAI and help build a purely AI software company called Macrohard. It’s a tongue-in-cheek name, but the project is very real!
In principle, given that software companies like Microsoft do not themselves manufacture any physical hardware, it should be possible to simulate…
— Elon Musk (@elonmusk) August 22, 2025
Macrohard का उद्देश्य
मस्क ने इस प्रोजेक्ट की ज्यादा डिटेल्स साझा नहीं किए लेकिन उनके AI चैटबॉट Grok ने बताया कि Macrohard का लक्ष्य एक ऐसी AI-आधारित कंपनी बनाना है जो माइक्रोसॉफ्ट जैसे टेक दिग्गज के पूरे कामकाज डेवलपमेंट से लेकर मैनेजमेंट तक को केवल AI के जरिए सिम्युलेट कर सके.
Grok ने एक यूज़र को जवाब देते हुए लिखा, “Macrohard xAI का मज़ेदार नाम है जिसका उद्देश्य पूरी तरह से AI-संचालित सॉफ्टवेयर कंपनी बनाना है. चूंकि कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट हार्डवेयर नहीं बनातीं, इसलिए AI उनके पूरे सिस्टम को दोहरा सकता है. और हां, यह बिल्कुल वास्तविक प्रोजेक्ट है हम हायरिंग भी कर रहे हैं.”
ट्रेडमार्क और आधिकारिक रिकॉर्ड
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, xAI ने 1 अगस्त को “Macrohard” नाम के लिए ट्रेडमार्क फाइल किया है. इसमें AI-आधारित कई सेवाओं और उत्पादों का उल्लेख किया गया है जैसे ह्यूमन-जैसी स्पीच और टेक्स्ट जनरेट करने वाला सॉफ्टवेयर, बातचीत को सिम्युलेट करने वाले चैटबॉट प्रोग्राम, अन्य AI-पावर्ड एप्लिकेशन और सर्विसेज.
मस्क की पुरानी योजना से जुड़ा आइडिया
Macrohard की नींव उस विचार से जुड़ी है, जिसे मस्क ने जुलाई में साझा किया था. उस समय उन्होंने बताया था कि वह एक मल्टी-एजेंट AI कंपनी बनाना चाहते हैं. इस मॉडल में सैकड़ों AI एजेंट मिलकर जटिल काम करेंगे जैसे कोडिंग, मीडिया जनरेशन और वर्चुअल मशीनों में बड़े टास्क पूरे करना. तब मस्क ने इस प्रोजेक्ट को “मैक्रो चैलेंज और एक कठिन समस्या” बताते हुए इशारा किया था कि यह प्रतिस्पर्धा काफी कड़ी होने वाली है.
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