लंदन की निजी यात्रा में सरकारी खजाने का इस्तेमाल, श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल…

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कोलंबो से प्रतिशोध की राजनीति को त्यागने और अपने पूर्व राष्ट्रपति के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने की अपील की है.
कांग्रेस सांसद ने रविवार ( 24 अगस्त, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को मामूली आरोपों में हिरासत में लिए जाने पर मैं चिंतित हूं. उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें पहले ही जेल के अस्पताल में ले जाया जा चुका है.
शशि थरूर ने जताई चिंता
उन्होंने कहा कि मैं श्रीलंका की सरकार से अपील करता हूं और इस बात का पूरा सम्मान करते हुए कि यह उनका आंतरिक मामला है, बदले की राजनीति का त्याग करें. शशि थरूर ने कहा कि श्रीलंका की सरकार अपने पूर्व राष्ट्रपति के साथ उस सम्मान और गरिमा के साथ पेश आएं, जिसके वे देश के प्रति दशकों की सेवा के बाद हकदार हैं.
Concerned about the detention of former Sri Lankan President Ranil Wickramasinghe on what, on the face of it, seem trivial charges. His health issues have already seen him taken to the prison hospital. I call on the government of Sri Lanka — while fully respecting that this is… pic.twitter.com/ojuEfEu4FG
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 23, 2025
श्रीलंका के पत्रकार ने क्या बताया?
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए वरिष्ठ श्रीलंकाई पत्रकार एस वेंकट नारायण ने कहा, “मुझे लगता है कि यह बेहद हास्यास्पद है क्योंकि उन्होंने (विक्रमसिंघे) ने गिरफ़्तारी से पहले कहा था कि मैंने अपने लिए कभी कुछ नहीं किया. मैंने सिर्फ़ श्रीलंका के लिए काम किया और आप जानते हैं कि मुझे गिरफ़्तार करना ये दर्शाता है कि अनुरा (राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके) इस समय किस तरह के प्रशासन का नेतृत्व कर रहे हैं.”
क्या है पूरा मामला?
न्यूज़वायर लंका की रिपोर्ट के अनुसार, रानिल विक्रमसिंघे को शुक्रवार को सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. उनकी गिरफ़्तारी लंदन की एक निजी यात्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल करने के आरोपों से जुड़ी है, जहां उन्होंने एक विश्वविद्यालय के स्नातक समारोह में भाग लिया था. जांचकर्ताओं का दावा है कि यह यात्रा जो एक व्यापक विदेशी दौरे का हिस्सा थी, कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि इसका वित्तपोषण सरकारी धन से किया गया था.
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