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Bike taxis Bengaluru Karnataka High Court case | बेंगलुरु की सड़कों पर दिखी बाइक टैक्सी:…

बेंगलुरु26 मिनट पहले

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तस्वीर AI जनरेटेड है।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा कि उसने बेंगलुरु में बाइक टैक्सी सेवाओं को दोबारा शुरू करने का कोई आदेश नहीं दिया है। कोर्ट की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब 22 अगस्त को शहर की सड़कों पर उबर, ओला और रैपिडो जैसी कंपनियों की बाइक टैक्सियां दोबारा नजर आईं।

चीफ जस्टिस विभु बखरु और जस्टिस की खंडपीठ ने कहा- राज्य सरकार चाहे तो एग्रीगेटर कंपनियों पर कानून के मुताबिक कार्रवाई कर सकती है, लेकिन व्यक्तिगत बाइक मालिकों और राइडर्स को किसी तरह की परेशानियां न दी जाएं।

23 अगस्त को एडवोकेट जनरल शशिकिरण शेट्टी ने हाईकोर्ट को बताया कि कई ऑपरेटरों ने बिना किसी कोर्ट की अनुमति के सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं। इस पर राइडर्स की ओर से पेश वकीलों ने दलील दी कि पुलिस और परिवहन विभाग उनकी गाड़ियां जब्त कर रहे हैं।

कोर्ट रूम लाइव

चीफ जस्टिस: व्यक्तिगत मालिकों को परेशान मत कीजिए।

एडवोकेट जनरल: बाइक चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, भरोसा रखिए।

अब पूरा मामला समझिए…

बेंगलुरु में उबर, ओला और रैपिडो जैसी कंपनियां लंबे समय से बाइक टैक्सी सेवा चला रही थीं, लेकिन राज्य सरकार ने लाइसेंस और नीति न होने का हवाला देकर इन सेवाओं को अवैध माना। इसके बाद साल 2023 में मामला अदालत तक पहुंचा।

कंपनियां कोर्ट में उबर इंडिया सिस्टम्स, ओला (ANI टेक्नोलॉजीज) और रैपिडो (रॉपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज) जैसी कंपनियों ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की है।

फरवरी 2023 कर्नाटक सरकार ने स्पष्ट कहा कि बाइक टैक्सी सेवाएं अवैध हैं। रैपिडो पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया।
मार्च-अप्रैल 2023 बाइक टैक्सी ऑपरेटरों ने इस बैन को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
जनवरी 2024 कर्नाटक हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने कहा कि सरकार चाहे तो पॉलिसी बना सकती है, लेकिन बिना नियम/लाइसेंस बाइक टैक्सी चलाना कानून के खिलाफ है।
2024 के दौरान सरकार ने कोई स्पष्ट पॉलिसी लागू नहीं की। मामला लगातार लटका रहा।
2 अप्रैल 2025 सिंगल जज बेंच ने साफ कहा था कि बाइक टैक्सी सेवाएं तब तक शुरू नहीं हो सकतीं, जब तक राज्य सरकार मोटर व्हीकल्स एक्ट की धारा 93 और संबंधित नियमों के तहत नीति नहीं बनाती। उस आदेश में यह भी कहा गया था कि सरकार को कंपनियों के लाइसेंस आवेदन प्रोसेस करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
20 अगस्त 2025

डिवीजन बेंच (चीफ जस्टिस विभु बखरु) ने मामले की सुनवाई की और अगली तारीख 22 सितंबर तय की।

कोर्ट ने कहा कि फिलहाल व्यक्तिगत बाइक मालिकों को जब्त या परेशान न किया जाए।

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