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नई दिल्ली7 घंटे पहले
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जस्टिस मार्कंडेय काटजू 20 अप्रैल 2006 से 19 सितंबर 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट महिला वकील संघ (SCWLA) ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू की टिप्पणी को चौंकाने वाला और अपमानजनक बताया है। काटजू ने 20 अगस्त को सोशल मीडिया पर लिखा था कि जिन महिला वकीलों ने मुझे आंख मारी, मैंने उनके पक्ष में फैसला दिया।
SCWLA ने शनिवार को कहा कि यह बयान हर महिला वकील की गरिमा, ईमानदारी और पेशेवर पहचान पर सीधा हमला है। ऐसे शब्द महिलाओं की मेहनत और योग्यता को कमतर दिखाते हैं। SCWLA ने कहा,
एक पूर्व जज, जिन्हें कभी संविधान की रक्षा और न्यायिक मूल्यों को बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उनसे ऐसी सोच की उम्मीद नहीं थी। ऐसे बयान न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं और समाज में गलत धारणाओं को बढ़ावा देते हैं।
SCWLA ने काटजू से बिना शर्त सार्वजनिक माफी की मांग की और सभी वकीलों से अपील की है कि ऐसी मानसिकता का कड़ा विरोध किया जाए। वहीं, विवाद बढ़ता देख काटजू ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर माफी मांगते हुए इसे मजाक बताया है।
पूर्व जज के बयान की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही
काटजू के बयान पर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रिया आ रही है। लोगों ने कहा कि यह टिप्पणी किसी पूर्व जज के स्तर के अनुकूल नहीं है। आलोचकों का कहना है कि रिटायर होने के बाद भी जज को उस पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए, जिस पर वह रहे हैं।
कुछ वकीलों ने लिखा कि ऐसा बयान न्यायिक ईमानदारी पर दाग लगाता है और यह गलत संदेश देता है कि मेहनत की बजाय पलक झपकाकर तरक्की मिल सकती है। कई यूजर्स और वकीलों ने इस बयान को न्यायपालिका के लिए अपमानजनक कहा। एक वकील ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके द्वारा दिए गए आदेशों की समीक्षा की जानी चाहिए।
काटजू और विवादों का पुराना रिश्ता
2011 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए काटजू पहले भी अपनी तीखी टिप्पणियों के कारण चर्चा में रहे हैं। राजनीति, कविता और दर्शन पर उनके बयानों से कई बार विवाद खड़े हुए। वे अक्सर उर्दू शेर और निजी किस्सों के साथ सोशल मीडिया पर लिखते हैं, लेकिन उनकी टिप्पणियों को कई बार भड़काऊ कहकर आलोचना का सामना करना पड़ा है।
काटजू के विवादित बयान
- 2012: इंडियन एक्सप्रेस में लेख लिखते हुए काटजू ने कहा कि 90% भारतीय मूर्ख हैं।
- जनवरी 2013: उन्होंने पाकिस्तान को नकली देश कहा और दावा किया कि भारत-पाक को मिलाकर ही कश्मीर समस्या का हल निकलेगा।
- 30 जनवरी 2015: ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि शाजिया इल्मी, किरण बेदी से ज्यादा खूबसूरत हैं और अगर उन्हें बीजेपी का CM उम्मीदवार बनाया जाता तो पार्टी जीत जाती।
- सितंबर 2016: एक पोस्ट में काटजू ने मदर टेरेसा समेत कई धार्मिक नेताओं को अवैज्ञानिक, कट्टरपंथी और मूर्ख बताया।
- 5 जुलाई 2025: सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि भारतीय और पाकिस्तानी मुसलमान जातिगत भेदभाव की वजह से नकली मुसलमान हैं।
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