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After 300 years, the view of space was seen from Jantar Mantar | 300 सालों बाद जंतर मंतर से…

मैं भी अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहती थी, लेकिन राजनीतिज्ञ बन गई। यह कहना था उपमुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दिया कुमारी का। मौका था राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के ऐतिहासिक आयोजन का, जो शनिवार को जयपुर स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल जंतर मंतर पर हुआ।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की पहल पर यह आयोजन किया गया। राजस्थान को एस्ट्रो टूरिज्म में अग्रणी बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान अपने किलों, महलों और विरासत के लिए विश्वविख्यात है। लेकिन आज हम यह भी सिद्ध कर रहे हैं कि राजस्थान ज्ञान और वैज्ञानिक विजन की भी धरती है।

300 साल बाद जंतर मंतर पर लाइव अवलोकन

दिया कुमारी ने कहा- आज गर्व का दिन है क्योंकि पूरे 300 साल बाद जंतर मंतर के भव्य यंत्रों का इस्तेमाल लाइव खगोलीय अवलोकन के लिए हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और खगोल ज्ञान को पुनर्जीवित करने का भी अवसर है। उन्होंने कहा कि भारत का प्राचीन ज्ञान और आधुनिक अंतरिक्ष उपलब्धियों को मिलकर पूरी दुनिया को दिशा देने की क्षमता रखते हैं।

विरासत से लेकर अंतरिक्ष युग तक

उन्होंने बताया- राजस्थान अपनी विरासत और किलों-महल के लिए जाना जाता है, लेकिन यह धरती वैज्ञानिक सोच और ज्ञान की भी है। इस साल का विषय ‘प्राचीन आकाश से अंतरिक्ष युग तक’ है, जो दर्शाता है कि सवाई जय सिंह के यंत्रों से लेकर भारत के चंद्रयान और गगनयान मिशन तक की यात्रा कितनी गौरवशाली है।

इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार और स्पेस इंडिया बधाई दी

अंतरिक्ष अवलोकन का भी लिया अनुभव

दिया कुमारी ने मौके पर इसरो की प्रदर्शनी देखी, वाटर रोकेट्री का अनुभव लिया और टेलीस्कोप से खगोलीय अवलोकन भी किया। उन्होंने कहा कि यह दिन हमेशा याद किया जाएगा, जब राजस्थान ने अपने अतीत को सम्मान दिया और भारत के भविष्य को नई प्रेरणा दी।

इस अवसर पर अंतरिक्ष विज्ञान में रूचि रखने वाले स्टूडेंट्स भी मौजूद रहे।

बच्चों और छात्रों के लिए खास आकर्षण

कार्यक्रम में दिनभर कई गतिविधियां हुईं। ‘जंतर मंतर से चंद्रयान तक’ विशेष व्याख्यान, सुरक्षित सूर्य अवलोकन, वॉटर रॉकेट लॉन्च, स्पेस क्विज, बच्चों के लिए आर्ट और क्राफ्ट एग्जीबिशन जैसे आयोजन रहे। स्पेस थीम आर्ट और क्राफ्ट एग्जीबिशन भारत अंतरिक्ष अन्वेषण का भविष्य लाइव टेलीकास्ट किया गया। इस मौके पर राजस्थान से इसरो में सेवाएं दे चुके वैज्ञानिकों ने भी विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को खगोलीय विज्ञान की गहराई से जानकारी दी।

पर्यटन विभाग और स्पेस इंडिया की साझेदारी

यह आयोजन राजस्थान पर्यटन विभाग और स्पेस इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। पर्यटन आयुक्त रुक्मणी रियाड़ ने अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों और नागरिकों का उत्साहवर्धन किया। वहीं, स्पेस इंडिया के संस्थापक और सीएमडी डॉ. सचिन भाभा ने बताया कि पहली बार जंतर मंतर के प्राचीन यंत्रों का उपयोग लाइव ऑब्जरवेशन के लिए किया गया है।

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