Chandigarh High Court new building Consensus not reached expansion | पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में…

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जगह की कमी को दूर करने के मुद्दे पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान दो प्रमुख विकल्पों पर चर्चा हुई। या तो मौजूदा हाईकोर्ट परिसर में अतिरिक्त निर्माण किया जाए, या फिर हाईकोर्ट को सारंगपुर की 48.8 एकड़ जमीन पर शिफ्ट किय
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चीफ जस्टिस शील नागू ने साफ किया कि जब तक बार एसोसिएशन की आम सभा सहमति नहीं देती, कोई भी अंतिम फैसला नहीं लिया जाएगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी, जिसमें बार एसोसिएशन के प्रस्ताव और यूटी प्रशासन की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा।
बार को बैठक से बाहर रखने पर नाराजगी सुनवाई के दौरान वकील आर.एस. खोसला ने आपत्ति जताई कि बार को भवन समिति की बैठकों से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहले बार अध्यक्ष और सचिव से राय ली जाती थी, लेकिन अब उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। इस पर चीफ जस्टिस ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में सुधार किया जाएगा।
रॉक गार्डन और गवर्नर पैलेस की जमीन पर चर्चा सुनवाई में चीफ जस्टिस ने रॉक गार्डन से जुड़ी अनुपयोगी जमीन के बारे में जानकारी मांगी। वहीं वकील आशीष चोपड़ा ने सुझाव दिया कि गवर्नर पैलेस के लिए आरक्षित जमीन का इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि वह कैपिटल कॉम्प्लेक्स क्षेत्र से बाहर है और इसके लिए यूनेस्को की मंजूरी भी नहीं लेनी पड़ेगी।
फिलहाल मल्टी-लेवल पार्किंग और कोर्ट रूम होंगे तैयार यूटी प्रशासन ने बताया कि सेक्टर-17 में कच्ची पार्किंग की योजना को मंजूरी मिल गई है और 60 दिन में काम पूरा हो जाएगा। अदालत और बार इस बात पर सहमत हुए कि मौजूदा परिसर में बहू-स्तरीय पार्किंग और नए कोर्ट रूम 2 से 3 साल में तैयार हो सकते हैं, जबकि सारंगपुर में नया परिसर बनाने में 10 साल से ज्यादा लगेंगे।