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Shibu Soren will be taught in Jharkhand schools | झारखंड के स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे शिबू सोरेन:…

झारखंड के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे अब दिशोम गुरु शिबू सोरेन के जीवन संघर्ष और उनके समाज सुधार अभियानों के बारे में पढ़ेंगे। शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय किया गया कि कक्षा 1 से 12 तक की पाठ्यपुस्तकों में शिबू सोरेन की ज

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शिबू सोरेन ने गोला से धनकटनी आंदोलन शुरू किया, यह धीरे-धीरे बोकारो से होते हुए टुंडी तक जा पहुंचा। यह तस्वीर उसी दौर की है।

महाजनी प्रथा और आंदोलन की कहानी

नई किताबों में बच्चों को बताया जाएगा कि आदिवासियों का महाजनी प्रथा के तहत किस तरह शोषण होता था और शिबू सोरेन ने इसके खिलाफ कैसे संघर्ष किया। वे जंगलों में छिपकर आंदोलन का संचालन करते थे।

लोगों को संगठित कर शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की। उनके संघर्ष की कहानियों के जरिए विद्यार्थियों को न केवल इतिहास की जानकारी मिलेगी, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता का संदेश भी दिया जाएगा।

क्लास के अनुसार होगा सिलेबस

सिलेबस क्लास के अनुसार होगा। कक्षा 1 और 2 के छात्रों को चित्रकथा के माध्यम से गुरुजी का जीवन परिचय पढ़ाया जाएगा। कक्षा 4 की किताबों में कविता और कहानी के जरिए पर्यावरण संरक्षण और समाज सुधार की पहल को समझाया जाएगा। कक्षा 6 के सामाजिक विज्ञान विषय में उनके नशा विरोधी अभियान और स्थानीय स्वशासन की अवधारणा को शामिल किया जाएगा।

शिबू सोरेन ने बिनोद बिहारी महतो और एके राय के साथ मिलकर 4 फरवरी 1973 को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की थी।

वहीं, कक्षा 7 में छात्रों को अकिल अखाड़ा यानी रात्रि पाठशाला की जानकारी दी जाएगी। कक्षा 8 में गुरुजी के आंदोलनों और जीवन के मानवीय पहलुओं का उल्लेख होगा, जबकि कक्षा 9 की हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू की किताबों में उनकी विस्तृत जीवनी शामिल की जाएगी।

19 सूत्री अभियान का भी होगा समावेश

शिबू सोरेन द्वारा समाज सुधार और आदिवासी उत्थान के लिए चलाए गए 19 सूत्री कार्यक्रम को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। इनमें सामुदायिक खेती, महिला शिल्प केंद्र, पुस्तकालय, सामूहिक पशु फॉर्म, अस्पताल, पौधा संरक्षण, तालाबों में मछली पालन, जंगल की रक्षा, दहेज व बाल विवाह पर रोक, शराबबंदी और रात्रि पाठशाला जैसी योजनाएं शामिल हैं। कक्षा 11 की भाषा संबंधी पुस्तकों में इस कार्यक्रम को हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में पढ़ाया जाएगा, ताकि विद्यार्थी समाज सुधार की इन योजनाओं की गहराई को समझ सकें।

कक्षा 12 तक डिटेल में होगी पढ़ाई

सीनियर क्लासेस में शिबू सोरेन की राजनीतिक यात्रा, संघर्ष और समाज के लिए किए गए कार्यों का विस्तृत अध्ययन कराया जाएगा। कक्षा 12 तक उनकी जीवनी, आंदोलन और योगदान को विभिन्न विषयों में अध्याय के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इस निर्णय से न केवल विद्यार्थियों को झारखंड के आंदोलन और आदिवासी समाज की प्रगति की जानकारी मिलेगी, बल्कि उन्हें समाज सुधार और नेतृत्व के वास्तविक उदाहरण भी प्राप्त होंगे।

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