स्वास्थ्य

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क्या आपको कभी ऐसा महसूस होता है कि आपके रिश्ते में प्यार, अपनापन और सपोर्ट की कमी है। क्या आपको लगता है कि आपका पार्टनर छोटी-छोटी जरूरतों को नजरअंदाज करता है। अगर ऐसा है तो हम आपको पुरुषों की कुछ लापरवाहियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि अक्सर मामूली लगती हैं। असल में यह लापरवाहियां महिलाओं की सेहत पर साइलेंट अटैक की तरह असर करती है। बल्कि गंभीर बीमारियों को भी न्योता दे सकती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उन 5 बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका खतरा ऐसे रिश्तों में बढ़ जाता है।

थायराइड डिसफंक्शन

पौष्टिक डाइट, अनियमित दिनचर्या और तनाव थायराइड को प्रभावित करने वाले मुख्य कारण है। जब पुरुष अपने पार्टनर के साथ पर्याप्त समय नहीं बिताते, इमोशनल सपोर्ट नहीं करते और घर के कामों में हाथ नहीं बटाते हैं, तो महिलाओं पर रिश्तों और काम का बोझ बढ़ जाता है। यह तनाव सीधे तौर पर थायराइड ग्लैंड को प्रभावित कर सकता है। जिससे थायराइड हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है और इसके लक्षणों में थकान, बालों का झड़ना, मूड स्विंग्स और वजन का घटना-बढ़ना शामिल है।

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पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स

आजकल महिलाओं में पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स आम समस्या है। इसकी एक बड़ी वजह हार्मोनल असंतुलन है, जोकि तनाव और खराब लाइफस्टाइल से जुड़ा होता है। अगर पुरुष अपने पार्टनर की जरूरत को नहीं समझते हैं, उनको पर्याप्त आराम नहीं मिलता या घर में सपोर्ट नहीं मिलता है, तो तनाव बढ़ जाता है। यह तनाव इंसुलिन रेजिस्टेंस और एण्ड्रोजन के लेवल को बढ़ा सकता है। जिससे पीरियड्स और पीसीओएस की समस्या हो सकती है।

क्रॉनिक फटीग और फाइब्रोमायल्जिया

लगातार थकान महसूस करने और पूरे शरीर में दर्द महिलाओं में अक्सर देखा जाता है। यह बीमारियां अक्सर शारीरिक और मानसिक तनाव से जुड़ी होती है। अगर पुरुषों की लापरवाही की वजह से महिलाओं को बच्चों, घर और काम का सारा बोझ अकेले उठाना पड़ता है। इससे उनको लगातार तनाव बना रहता है। यह तनाव नींद की कमी, मांसपेशियों में दर्द और एनर्जी की कमी की वजह बन सकती है। जिससे यह बीमारियां विकसित हो सकती हैं।

बिंज ईटिंग और पेट संबंधी समस्याएं

महिलाएं तनाव और अकेलेपन की वजह से बिंज ईटिंग का शिकार हो जाती हैं। यह एक कोपिंग मैकेनिज्म बन जाता है, जहां पर महिलाएं अपनी भावनाओं को काबू करने के लिए फूड का सहारा लेती हैं। पुरुषों की अनदेखी या भावनात्मक दूरी महिलाओं में इनसिक्योरिटी और अकेलेपन की भावना को पैदा कर सकती है। जिससे वह अपने खाने की आदतों में बदलाव करती हैं। इससे महिलाओं को मोटापा, पाचन संबंधी समस्याएं, एसिडिटी, कब्ज और आईबीएस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

एंग्जायटी, पैनिक अटैक और हार्मोनल असंतुलन की समस्या

रिश्तों में समर्थन की कमी और भावनात्मक उपेक्षा के कारण महिलाओं में पैनिक अटैक, एंग्जायटी और गंभीर हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। जब महिलाएं अपने पार्टनर से अपेक्षित सहयोग या समर्थन नहीं पाती है, तो वह लगातार तनाव में रहती हैं। यह तनाव कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ाता है, जिसकी वजह से मासिक धर्म चक्र बाधित होता है और मूड स्विंग्स होते हैं। यहां तक कि महिलाओं को पैनिक अटैक और डिप्रेशन भी हो सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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