Dharmasthala Mass Burial Case Update; Temple Sweeper | SIT | कर्नाटक धर्मस्थल केस में ट्विस्ट-…

मंगलुरु5 मिनट पहले
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धर्मस्थल मंदिर कर्नाटक के मंगलुरु के पास है। यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप श्री मण्जुनाथ का है।
कर्नाटक के धर्मस्थल में कई शवों को दफनाने का आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता को राज्य सरकार की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी शख्स ने पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कई हत्याओं, बलात्कारों और शवों को दफनाने का आरोप लगाया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक SIT के चीफ प्रणब मोहंती ने शिकायतकर्ता से शुक्रवार देर रात तक पूछताछ की। शनिवार सुबह उसे अरेस्ट कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि बयान और दस्तावेजों में गड़बड़ी मिलने के बाद गिरफ्तारी की गई है।
शिकायतकर्ता मंदिर का पूर्व सफाई कर्मचारी था। उसने दावा किया है कि उसने 1995 से 2014 के बीच धर्मस्थल में काम किया था, और उसे महिलाओं और नाबालिगों समेत कई शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था।
उसने आरोप लगाया था कि कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे। उसने इस संबंध में एक मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान भी दिया था। सफाईकर्मी की शिकायत पर ही धर्मस्थल थाने में जुलाई में मामला दर्ज किया गया था।
4 जुलाई को धर्मस्थल के ही पूर्व सफाईकर्मी ने यहां के जंगलों में सैकड़ों लाशें दफनाए जाने का दावा किया, जिसके बाद से यहां के सौजन्या और पद्मलता केस में इंसाफ की मांग तेज हो गई है।
पढ़ें आरोपी ने क्या बयान दिया था…
- 1998 से 2014 के बीच मंदिर में काम करता था। उसने तस्वीरों और दफन किए गए अवशेषों के सबूत पुलिस को सौंपे थे।
- उसने कहा था मैं अब आगे आ रहा हूं क्योंकि पछतावा और पीड़ितों को न्याय दिलाने की भावना मुझे चैन से जीने नहीं दे रही।
- 1998 में सुपरवाइजर ने पहली बार लाशों को चुपचाप निपटाने कहा। जब उसने इनकार किया तो उसे बेरहमी से पीटा गया और परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई।
- 2014 में उसकी नाबालिग रिश्तेदार के साथ भी यौन उत्पीड़न हुआ, जिसके बाद वह परिवार समेत धर्मस्थल से भाग गया और गुमनाम पहचान के साथ दूसरे राज्य में रहने लगा।
- आरोपी धर्मस्थल मंदिर प्रशासन से जुड़े बेहद प्रभावशाली लोग हैं, जो विरोध करने वालों को खत्म कर देते हैं। वह पोलीग्राफ टेस्ट और वैज्ञानिक जांच के लिए भी तैयार था।
धर्मस्थल भगवान शिव के रूप मण्जुनाथ का मंदिर
धर्मस्थल मंदिर कर्नाटक के मंगलुरु के पास, नेत्रावती नदी के किनारे बसा एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप श्री मण्जुनाथ का है। यहां एक खास बात यह है कि मंदिर की पूजा हिंदू पंडित करते हैं, लेकिन मंदिर का संचालन जैन धर्म के लोग करते हैं।
यह मंदिर हिंदू और जैन धर्म के मेल का उदाहरण है। हर दिन हजारों लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में मुफ्त भोजन (अन्नदान), शिक्षा और इलाज की सुविधाएं भी दी जाती हैं।
धर्मस्थल मामले से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़ें…
पहले गैंगरेप, फिर प्राइवेट पार्ट में मिट्टी भर दी: 56 दिन बाद कंकाल मिला, धर्मस्थल केस से कैसे जुड़े सौजन्या गैंगरेप और पद्मलता मर्डर
दुपट्टे के सहारे हाथ पेड़ से बांध दिए। शरीर पर 14 से ज्यादा जगहों पर चोट के निशान थे। प्राइवेट पार्ट में गहरी चोट थी। रेपिस्ट का DNA न मिले इसलिए उसके प्राइवेट पार्ट में गीली मिट्टी भर दी गई थी। ये वारदात 9 अक्टूबर 2012 को कर्नाटक के मैंगलुरु से 80 किमी दूर धर्मस्थल के जंगलों में अंजाम दी गई थी। हालांकि, तब ये दुनिया की नजरों में नहीं आई।
दैनिक भास्कर की टीम धर्मस्थल से मिलने वाली लाशों की पड़ताल करने पहुंची। यहां हमें सौजन्या और पद्मलता से दरिंदगी के दो ऐसे मामले मिले, जिसमें परिवारों को अब तक इंसाफ का इंतजार है। पढ़ें पूरी खबर…