‘मुझे किसी और चीज पर गर्व नहीं…’, ट्रंप ने बनाया भारत में अमेरिका का राजदूत तो आया सर्जियो…

अमेरिका और भारत के संबंध कठिन दौर से गुजर रहे हैं, इसी बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सर्जियो गोर को भारत का अगला राजदूत नियुक्ति किया है. यह नियुक्ति ऐसे समय में आई है जब दोनों देश व्यापारिक विवादों, भू-राजनीतिक खींचतान और रणनीतिक साझेदारी की परिभाषा को लेकर मतभेदों से जूझ रहे हैं. व्हाइट हाउस इस तैनाती को द्विपक्षीय विश्वास बहाली और संवाद की गति बढ़ाने की दिशा में अहम कदम मान रहा है.
चुनौतीपूर्ण समय में हुई गोर की नियुक्ति
राष्ट्रपति ट्रंप का यह फैसला दशकों में सबसे जटिल माने जा रहे अमेरिका-भारत संबंधों के संदर्भ में अहम माना जा रहा है. व्यापार पर शुल्क, टेक्नोलॉजी और आपूर्ति शृंखला की सुरक्षा, क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे तथा साझेदारियों की प्राथमिकताओं पर दोनों देशों के बीच तीखा विमर्श चल रहा है. ऐसे परिदृश्य में वाशिंगटन का संदेश साफ है कि नई दिल्ली में एक सशक्त और भरोसेमंद चेहरा चाहिए जो सीधे राष्ट्रपति के एजेंडे के अनुरूप बातचीत आगे बढ़ा सके.
अपनी नियुक्ति पर क्या कहा गोर ने?
भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में नामित होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के करीबी सहयोगी सर्जियो गोर ने पोस्ट किया, “भारत में उनके अगले अमेरिकी राजदूत और दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत के रूप में मुझे नामित करने में उनके अविश्वसनीय विश्वास और भरोसे के लिए डोनाल्ड ट्रंर का बहुत आभारी हूं! इस प्रशासन के महान कार्य के माध्यम से अमेरिकी लोगों की सेवा करने से ज्यादा मुझे किसी और चीज पर गर्व नहीं हुआ है! हमारे व्हाइट हाउस ने अमेरिका को फिर से महान बनाने में ऐतिहासिक परिणाम हासिल किए हैं! संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सम्मान होगा!”
रुबियो ने भी दी प्रतिक्रिया
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ट्वीट किया, “मैं राष्ट्रपति द्वारा सर्जियो गोर को भारत में हमारे अगले राजदूत के रूप में नामित करने के निर्णय से उत्साहित हूँ। वह दुनिया में हमारे राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक में अमेरिका के एक उत्कृष्ट प्रतिनिधि होंगे।”
सर्जियो गोर कौन हैं
ताशकंद में जन्मे और मूल नाम सर्जियो गोरोकहोव्स्की रखने वाले गोर 38 वर्ष के हैं. उन्होंने कैलिफोर्निया में स्कूलिंग के बाद वॉशिंगटन डीसी स्थित जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की और छात्र जीवन से ही रूढ़िवादी राजनीति में सक्रिय रहे. वे स्वयं को कैथोलिक बताते हैं और अक्सर यह किस्सा साझा करते हैं कि उनका बचपन भूमध्य सागर के छोटे द्वीप राष्ट्र माल्टा में बीता. समय के साथ वे ट्रंप के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में शामिल हुए और व्हाइट हाउस में प्रभावशाली भूमिका निभाई.
ट्रंप के भरोसे से बना करियर
गोर का करियर ट्रंप के एजेंडे के प्रति निष्ठा और राजनीतिक भरोसे पर टिका रहा है. वे ट्रंप परिवार के साथ व्यावसायिक रूप से भी जुड़े रहे हैं. वर्ष 2021 में डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के साथ मिलकर उन्होंने विनिंग टीम पब्लिशिंग की स्थापना की, जिसने उन्हें ट्रंप के अंतरंग सर्कल में स्थायी जगह दिलाई. बाद के वर्षों में व्हाइट हाउस के प्रमुख पदों पर उनकी भूमिका बढ़ती गई और वे ऐसे प्रशासक के तौर पर पहचाने गए जो राष्ट्रपति की प्राथमिकताओं को तेज़ी से लागू करवाने की क्षमता रखते हैं.