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198 salt mines were demolished for the refinery, the producers have been unemployed for twelve…

पचपदरा में निर्माणाधीन रिफाइनरी।

पचपदरा में निर्माणाधीन एचआरआरएल रिफाइनरी का कार्य पूरा होने का इंतजार दिनोंदिन बढ़ रहा है। इससे जहां रिफाइनरी की लागत बढ़ रही है, वहीं क्रूड ऑयल के रिफाइन होने से निकलने वाले बायो प्रोडक्ट से रोजगार की संभावनाओं को लेकर कई उद्यमी कार्य पूरा होने का इंत

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प्रोजेक्ट के तहत अगस्त 2025 तक प्रोडक्शन शुरू करने को लेकर जनवरी माह में विजिट पर पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एचपीसीएल अधिकारियों को तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए थे, ताकि समय पर यूनिट का कार्य पूरा होने पर प्रोडक्शन शुरू किया जा सके। अगस्त माह का अंतिम सप्ताह चल रहा है, लेकिन प्रोजेक्ट के पूरा होने का अभी इंतजार करना पड़ेगा। इसे लेकर 24 अगस्त को केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीपसिंह पुरी व मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का दौरा प्रस्तावित है।

सीएम शर्मा व केंद्रीय मंत्री पुरी रिफाइनरी की विजिट कर प्रगति कार्यों की समीक्षा करेंगे। सीएम की प्रस्तावित विजिट को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। विजिट के दौरान पचपदरा के नमक उत्पादक खारवाल समाज को रिफाइनरी में जमींदोज हुई 198 नमक खानों को पुनर्स्थापित करने व मुआवजा सहित स्थाई रोजगार को लेकर राहत भरी घोषणा की उम्मीद है।

समय के साथ बढ़ रही रिफाइनरी की लागत

पचपदरा में 4567.32 एकड़ जमीन पर 9 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) क्षमता की निर्माणाधीन रिफाइनरी का कार्य पूरा होने का इंतजार बढ़ता ही जा रही है। समय की देरी के साथ ही इसकी लागत भी बढ़ रही है। वर्ष 2013 में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के शिलान्यास के दौरान रिफाइनरी की लागत 37 हजार करोड़ रुपए थी।

2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुबारा शिलान्यास करने के दौरान कीमत बढ़कर 43 हजार करोड़ रुपए पहुंच गई। वर्ष 2018 में शुरू हुए प्रोजेक्ट का कार्य 2022 के अंत तक पूरा होना प्रस्तावित था, लेकिन कार्य पूरा नहीं हुआ। इस पर 2024 तक लागत 72 हजार करोड़ तक पहुंच गई। वर्तमान में कुछ यूनिट का कार्य 90 से 98 फीसदी तक पूरा हो गया है, तो कई प्रगतिरत है। ऐसे में मार्च-अप्रैल 2025 तक यूनिट का कार्य पूरा कर प्रोडक्शन शुरु करने को लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा था। इसे लेकर जनवरी में विजिट पर पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी एचपीसीएल के अधिकारियों को शीघ्र कार्य पूरा कर प्रोडक्शन शुरू करने के निर्देश दिए थे।

खानों की पुनर्स्थापना व मुआवजा की उम्मीद

श्री सांभरा आशापुरा नमक उत्पादन क्षेत्र विकास समिति के अध्यक्ष पारसमल खारवाल के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने 27 जून को जयपुर में प्रदेश सरकार को रिफाइनरी कार्य में प्रभावित हुई नमक खानों के मुआवजे सहित स्थाई रोजगार व पुनर्स्थापना को लेकर ज्ञापन सौंपा था।

पूर्व सांसद मानवेद्रसिंह जसोल को मांगों से अवगत करवाने पर उन्होंने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीपसिंह पुरी को अवगत करवाया। इस पर उन्होंने जल्द ही रिफाइनरी की विजिट कर नमक उत्पादक समाज की मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। वर्ष 2013-14 में रिफाइनरी का शिलान्यास करने के दौरान 198 नमक खानों को जमींदोज किया गया था। इसमें नमक क्षेत्र की 12034.10 बीघा भूमि को प्रदेश सरकार ने अलवण क्षेत्र घोषित कर एचआरआरएल रिफाइनरी को हस्तांतरण कर दी थी। इससे प्रभावित नमक खानों व श्रमिकों के सामने रोजगार को लेकर संकट खड़ा हो गया था।

“रिफाइनरी के शिलान्यास के दौरान वर्ष 2013 में 198 नमक खानों को जमींदोज किया गया था। इससे 12 साल से बेरोजगारी का सामना कर रहे नमक उत्पादकों को मुआवजा देने, रिफाइनरी में स्थाई रोजगार, सीएसआर फंड से सांभरा आशापुरा माता मंदिर में विकास कार्य को लेकर प्रतिनिधि मंडल ने मांगें रखी थी। सीएम व पेट्रोलियम मंत्री की विजिट में राहत मिलने की उम्मीद है।”

– पारसमल खारवाल, अध्यक्ष, श्री सांभरा आशापुरा नमक उत्पादन क्षेत्र विकास समिति

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