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SLP of state government rejected | राज्य सरकार की एसएलपी की खारिज: स्नातक में 3 वर्षीय अनिवार्य…

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रमनाथ व जस्टिस संदीप मेहता की अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए राज्य सरकार द्वारा दायर एसएलपी को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार बनाम नवीन स्वामी व अन्य के

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पिछले कई वर्षों से अन्य राज्यों से स्नातक में अनिवार्य अंग्रेजी विषय उत्तीर्ण उन अभ्यर्थियों को इससे बड़ी राहत मिली है जिन्होंने नजदीकी हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि राज्यों के सरकारी विश्वविद्यालयों से स्नातक में अनिवार्य तौर पर अंग्रेजी विषय का अध्ययन किया है। राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 2023 में व खंडपीठ ने 2025 में उक्त अनिवार्य स्नातक विषय उत्तीर्ण चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति का आदेश दिया था।

उक्त आदेश के बावजूद राजस्थान सरकार व माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने नये संविदा नियमों के हवाले देते हुए सहायक अध्यापक संविदा भर्ती 2023 में स्नातक में तीनों वर्ष अनिवार्य अंग्रेजी विषय उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को वैकल्पिक अंग्रेजी विषय उत्तर्ण अभ्यर्थियों के समक्ष मानने से इंकार कर दिया था और मामले को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी की मार्फत चुनौती दी थी।

किसान ऋण माफी योजना में गबन का मामला, सहकारिता के प्रमुख सचिव से मांगा हलफनामा

जोधपुर | हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री किसान ऋण माफी योजना को लेकर पूर्व में जारी आदेशों की पालना नही होने पर कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। हम उम्मीद करते हैं कि राज्य कम से कम मामले की गंभीरता से जांच करेगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

कोर्ट ने कहा कि यह राज्य के दयनीय प्रदर्शन को दर्शाता है और यह भी आभास देता है कि वह मामले को छुपाने की कोशिश कर रहा हैै। कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता राठौड को निर्देश दिए है कि आदेश का कड़ाई से पालन करते हुए सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव, सरकार, जयपुर द्वारा एक हलफनामा दायर किया जाए।

प्रदेश की खनिज निधि का जिलेवार विवरण पेश करे विभाग

जोधपुर| हाईकोर्ट की खंडपीठ ने निदेशक खान विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे प्रदेश की खनिज निधि का पूरा विवरण देते हुए 25 सितम्बर को अगली सुनवाई पर एक शपथ पत्र पेश करें। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि उन्होंने इस निधि का उपयोग कैसे और किस सीमा तक किया है। यह भी स्पष्ट किया जाए कि क्या प्राप्त राशि ब्याज वाले खाते में रखी गई है और यदि हाँ, तो खाते का विवरण दें। इसमें विभिन्न लाभार्थियों को भुगतान की गई राशि का विवरण भी दिया जाए। यह पूरा विवरण जिलेवार प्रस्तुत किया जाए।

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