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Vice President Election: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर उठे…

इंडिया गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवारी दी है, लेकिन अब उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इसके चलते नागपुर की एक महिला प्राध्यापिका ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं. बी सुदर्शन रेड्डी 2011 में सुप्रीम कोर्ट के जज थे. उस वक़्त उन्होने छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में आदिवासियों की सलवा जुडूम मुहिम से संबंधित याचिका पर फ़ैसला सुनाते हुए सलवा जुडूम को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए उस पर बैन लगा दिया था.

नागपुर की प्राध्यापिका प्रतीक्षा पटवारी ने राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि क्या इसी निर्णय के चलते बी सुदर्शन रेड्डी को कांग्रेस व इंडिया अलायंस ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है? दरअसल सलवा जुडूम छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके के आदिवासियों की माओवादियों के ख़िलाफ़ एक मुहिम थी. शुरुआत में यह मुहिम शांतिपूर्ण आंदोलन के स्वरूप में थी. हालांकि, बाद में छत्तीसगढ़ सरकार के समर्थन से यह मुहिम नक्सलवादियों के खिलाफ़ हथियारों के साथ लड़ाई में रूपांतरित हो हो गई थी, जिस वजह से एक तरफ सामान्य आदिवासी और दूसरी तरफ हिंसक माओवादी के बीच संघर्ष शुरू हो गया था, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सलवा जुडूम को बैन करने की मांग की गई थी. उसी याचिका पर बी सुदर्शन रेड्डी की बेंच ने 5 जुलाई 2011 को फैसला सुनाया था.

प्रतीक्षा पटवारी ने राहुल गांधी से पूछा सवाल
प्रतीक्षा पटवारी ने राहुल गांधी से यह भी सवाल पूछा है कि सलवा जुडूम पर बैन करते वक्त माओवादियों के अधिकारों का तो ख्याल रखा गया, लेकिन गरीब आदिवासियों के कोई अधिकार नहीं थे क्या? राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता इससे पहले माओवादियों को क्रांतिकारी बता चुके हैं, ऐसे में क्या अब भी राहुल गांधी और बी सुदर्शन रेड्डी माओवादियों को क्रांतिकारी मानते हैं? सवाल भी इस पत्र की ओर से पूछा गया है.

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