France Rafale: राफेल के सामने बौना साबित हुआ US का F-35 फाइटर जेट, जानें भारत के लिए क्यों है…

फिनलैंड में आयोजित ट्राइडेंट अटलांटिक-25 सैन्य अभ्यास में फ्रांस का राफेल फाइटर जेट अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर पर भारी पड़ा. इस दौरान राफेल ने F-35 को अपने IRST (Infrared Search and Track) सिस्टम से लॉक कर लिया और बेसिक फाइटिंग मैन्युवर (BFM) में ‘किल स्कोर’ किया. हालांकि यह वास्तविक युद्ध नहीं था बल्कि प्रशिक्षण का हिस्सा था, लेकिन इसका मतलब है कि राफेल ने दृश्य सीमा के भीतर F-35 को परास्त कर दिया.
इस घटना ने यह साबित किया कि 4.5वीं पीढ़ी का राफेल अभी भी 5वीं पीढ़ी के F-35 को चुनौती देने में सक्षम है. यह खासकर तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब F-35 को आधुनिक स्टील्थ तकनीक का सबसे मजबूत प्रतीक माना जाता है.
Pour la 1ère fois, l’exercice trilatéral #AtlanticTrident s’est tenu en #Finlande, nouveau membre de l’#Otan depuis 2023.
Objectif : renforcer l’interopérabilité entre les forces aériennes face aux défis de la haute intensité.
Pour en savoir + : https://t.co/CXeOZCp7Al pic.twitter.com/5eTq97AQ8v
— Armée de l’Air et de l’Espace (@Armee_de_lair) August 20, 2025
वैश्विक हथियार बाजार पर असर
राफेल और F-35 दोनों ही दुनिया के बड़े हथियार निर्यात कार्यक्रमों का हिस्सा हैं. अमेरिका लगातार अपने F-35 को NATO सहयोगियों और एशिया-प्रशांत देशों को बेच रहा है, वहीं फ्रांस अपने राफेल को एक मजबूत विकल्प के रूप में प्रस्तुत करता है. इस अभ्यास के बाद राफेल की साख और भी बढ़ सकती है. निर्यात बाजार में वे देश जो स्टील्थ तकनीक पर निर्भर नहीं रहना चाहते, वे अब राफेल को प्राथमिकता दे सकते हैं. यह घटना खासतौर पर भारत के लिए सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इंडियन एयरफोर्स पहले से ही राफेल का इस्तेमाल कर रही है.
फ्रांस और अमेरिका की प्रतिद्वंद्विता
हालांकि अमेरिका और फ्रांस दोनों NATO सहयोगी हैं, लेकिन लड़ाकू विमानों के निर्यात बाजार में वे एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं. फ्रांस इस घटना को प्रचारित कर अपने राफेल के पक्ष में माहौल बना रहा है. गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब राफेल ने अमेरिकी जेट को हराया’ हो. 2009 में UAE में हुए अभ्यास में भी एक फ्रेंच राफेल ने अमेरिकी F-22 रैप्टर पर किल स्कोर किया था.
भारत के लिए क्या मायने रखता है यह घटनाक्रम
भारत ने फ्रांस से 36 राफेल जेट खरीदे हैं. ऐसे में यह घटना भारतीय वायुसेना के आत्मविश्वास को और मजबूत करेगी. भारत पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान की हवाई ताकत के सामने राफेल को अपनी रणनीतिक बढ़त मानता है. साथ ही, यह घटना भविष्य में भारत को राफेल के और भी उन्नत वेरिएंट जैसे राफेल F4 पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकती है.
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