faridabad In Palwal officers declared a living old man dead twice| village tumsara | पलवल में…

पीडित बुजुर्ग जयसिंह मीडिया को दस्तावेज दिखाते हुए।
हरियाणा के पलवल में बाबूओं की कारगुजारी एक 63 साल के बुजुर्ग को भारी पड़ रही है। गांव तुमसरा के बुजुर्ग को मरा हुआ बताकर दो बार उनका नाम परिवार पहचान पत्र से काट दिया गया। जिसके बाद अब पीड़ित अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। बुजुर्ग को पिछले दो महीने
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63 साल के जय सिंह ने बताया कि वह मजदूर हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा, बहू और 3 पोते हैं। वह और उनका बेटा मजदूरी करते हैं। 20 जनवरी को राशन लेने के लिए वह डिपो पर पहुंचे तो उनको बताया गया कि उनका नाम राशन कार्ड से कट गया है। इसलिए राशन नहीं मिलेगा।
अपने कागजात दिखाते हुए जय सिंह।
राशन नहीं मिला तो पता चला कागजों में मर चुका नाम कटने का कारण जानने के लिए जय सिंह कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पहुंचे। जहां पर उनको बताया गया कि आपकी तो मौत हो चुकी है। जिसके चलते आपका फैमिली आईडी से नाम काटा गया है। इसलिए राशन कार्ड से भी नाम कट गया है। जिसके बाद बुजुर्ग को मिलने वाली बुढ़ापा पेंशन भी बंद हो गई। समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों ने उनको बताया कि फैमिली आईडी से नाम कटने के कारण उनकी पेंशन रोक दी गई है।
जय सिंह ने बताया कि इसके बाद उन्होंने गांव के सरपंच और नंबरदार से जिंदा होने का लेटर लिखवाकर विभाग में जमा करा दिया। जिसके बाद भी उनको अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़े और करीब 1 महीने के बाद उनका नाम फिर से फैमिली आईडी में चढ़ा दिया गया।
जय सिंह ने नाम वापस चढ़वाने के लिए ग्राम पंचायत से लेटर लिखवाया था।
जिंदा कर फिर से मार दिया 20 जुलाई को फिर से वो राशन लेने के लिए गए। लेकिन उन्हें हैरानी तब हुई जब उन्हें कहा गया कि राशन कार्ड से दोबारा नाम काट दिया गया है। जय सिंह दोबारा उसी CSC सेंटर पर ये जानने के लिए पहुंचे कि आखिर उनका नाम इस बार क्यों काटा गया। लेकिन वहां जाकर इस बार भी यही पता लगा कि मौत हो जाने के कारण नाम काटा गया है।
जिसके बाद अब वह जुलाई के महीने से दोबारा से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। पेंशन विभाग से लेकर सीएम विंडो तक तक वह इसको लेकर शिकायत कर चुके हैं लेकिन उनका नाम फैमिली आईडी में नही चढ़ पाया है।
जयसिंह अपनी पीड़ा मीडिया को सुनाते हुए कहते हैं-
अब ना तो पेंशन मिल रही है ना ही राशन मिल रहा है। ऐसे में परिवार का पालन -पोषण करने को लेकर संकट खड़ा हो गया। है। अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक चुका हूं, कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अधिकारी बोले-अपने आप कट जाता है नाम वहीं, जिला प्रशासन में फैमिली आईडी का काम संभाल रहे DISTRICT CRID MANAGER मोहम्मद फरहान ने बताया कि, पहले भी जयसिंह का नाम फैमिली आईडी से कट गया था। यह मामला उनको संज्ञान में है। उनका कहना है कि किन कारणों से नाम कट जाता है इसका अभी पता नहीं चला है। इसकी जांच के लिए चंडीगढ़ लेटर भेजा गया है। जयसिंह की तरफ से नाम चढ़ाने को लेकर रिक्वेस्ट भेजी गई है, लेकिन उनका लॉगिन ब्लॉक पड़ा हुआ है, जिस कारण अभी उनका नाम नहीं चढ़ पाया है। जल्द ही लॉगिन खुलते ही नाम को चढ़ा दिया जाएगा।
हरियाणा के कई जिलों में पहले भी सामने आ चुके ऐसे मामले…
कैथल में पिता की जगह बेटे का डेथ सर्टिफिकेट बनाया कुरुक्षेत्र में 5 महीने पहले खाद्य मंत्री राजेश नागर ग्रीवांस कमेटी की बैठक ले रहे थे। जहां पर कैथल जिले के सिसला गांव के रहने वाले बलवान सिंह ने बताया कि उनके पिता जयनारायण उर्फ पूर्ण किरमिच गांव में रहते थे। साल 2003 पिता की मृत्यु हो गई थी। जमीन के मामले में अब उसे पिता के डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत थी। उन्होंने पिता का डेथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए हेल्थ विभाग में आवेदन किया। आरोप लगाया कि पहले तो उसके पिता का डेथ सर्टिफिकेट बनाया नहीं गया। मगर, जब हेल्थ विभाग ने सर्टिफिकेट बनाया तो पिता की जगह उसका नाम लिखकर सर्टिफिकेट तैयार कर दिया। जिसके बाद हेल्थ विभाग के अधिकारियों ने मंत्री के कहने पर तुरंत कार्रवाई करते हुए बलवान का डेथ सर्टिफिकेट रद्द कर दिया। लेकिन किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कैथल जिले के सिसला गांव के रहने वाले बलवान सिंह, जिनका डेथ सर्टिफिकेट बनाया गया था।
रोहतक में 102 साल के बुजुर्ग को किया मृत घोषित सितंबर 2022 में रोहतक के गांव गांधरा निवासी 102 वर्षीय दुलीचंद को मृत घोषित करके बुढ़ापा पेंशन काट दी थी। समाजसेवी नवीन जयहिंद ने दुलीचंद को रथ पर दूल्हे की तरह सजाकर बैठाया और शहर में यात्रा निकाली। जिसमें दुलीचंद हाथ में तख्ती लेकर बैठे थे, जिस पर लिखा था-‘थारा फूफा जिंदा है’। बाद में इसी नाम से आंदोलन किया गया। इस आंदोलन के ब्रांड एंबेसडर दादा दुलीचंद बने। इसके बाद कई बुजुर्गों व विधवाओं की पेंशन बनी। “थारा फूफा जिंदा है” का कंटेंट लेकर एक फिल्म बनाई गई, जिसको लेकर दुलीचंद ने फिल्म मेकर्स को कोर्ट में घसीटा था।
रथ पर बैठकर दादा दुलीचंद व नवीन जयहिंद कोर्ट में जाते हुए।
रोहतक के गांव धामड़ में 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला को मृत घोषित किया रोहतक के गांव धामड़ निवासी करीब 85 वर्षीय बुजुर्ग चमेली देवी के साथ भी ऐसा ही किया गया था। घर पर अकेली रह रहीं चमेली को मृत दिखाकर उनकी पेंशन काट दी गई थी। चमेली ने भी अपनी पेंशन को शुरू कराने के लिए सरकारी अफसरों और उनके दफ्तरों के खूब चक्कर लगाए लेकिन जब कहीं से कोई उम्मीद नहीं दिखी। बाद में नवीन जयहिंद ने चमेली के दस्तावेजों के साथ प्रेसवार्ता भी की थी।
चमेली जिनको मृत घोषित कर पेंशन काटी गई थी।
हिसार में बुजुर्ग महिला को मृत दिखाया हिसार की तहसील बास के गांव पुट्टी में जुलाई 2022 में 85 वर्षीय फूलां पत्नी रामस्वरूप को मृत दिखाकर उनकी पेंशन बंद कर दी गई। जिसके बाद वह 10 महीने तक पेंशन दोबारा शुरू कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाती रहीं। 85 वर्षीय फूलां का बेटा बैंक से पेंशन निकालने के लिए गया था, तब उनको पता चला कि विभाग ने उनकी मां को मृत घोषित कर पेंशन बंद की है।
हिसार की फूलां जिंदा रहते जिन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।
कैथल के गांव मटौर में बुजुर्ग को मृत दिखाया सिंतबर 2022 में कैथल के गांव मटौर की रहने वाली बुजुर्ग महिला मीठिया राम की पेंशन भी परिवार पहचान पत्र में मृत दिखाकर काट दी गई थी। जिसके बाद उन्होंने ग्रीवांस कमेटी की बैठक में तत्कालीन परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा से इसकी शिकायत की थी। जिसके बाद उनकी पेंशन शुरू हो पाई थी।
सारी योजनाओं के लाभ में PPP जरूरी, इसमें गलती तो सभी जगह बखेड़ा हरियाणा में लगभग सभी सरकारी योजनाओं के लाभ को फैमिली आईडी यानी परिवार पहचान पत्र (PPP) से जोड़ दिया गया है। BPL राशन कार्ड, वृद्धावस्था सम्मान पेंशन समेत अन्य सामाजिक पेंशन योजनाएं भी इसी से जुड़ी हैं। यही वजह है कि फैमिली आईडी में कोई भी गड़बड़ी होने से बाकी योजनाओं का लाभ प्रभावित होता है।
हालांकि सरकार का दावा है कि पारदर्शिता लाने के लिए ऐसा किया गया है। बुढ़ापा पेंशन फैमिली आईडी से जुड़ने से 60 साल उम्र होते ही खुद ही पेंशन लग जाती है। साथ ही फैमिली आईडी में 1.80 लाख से कम वार्षिक आय होने पर BPL राशन कार्ड बन जाता है।
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