Police investigation in the blast that killed 11 people is complete, only the building owner is…

शहर में इस साल 7 मई को पांच मंजिला मदान मार्केट में सिलेंडर में ब्लॉस्ट से हुए हादसे और इसमें 11 लोगों की मौत मामले की जांच पुलिस ने पूरी कर ली है। इसमें हादसे का जिम्मेदार एकमात्र बिल्डिंग मालिक व्यास कॉलोनी निवासी राजकुमार मदान को माना गया है। उसका
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शहर में 7 मई को सिटी कोतवाली पुलिस थाने के सामने पांच मंजिला मदान मार्केट में गैस सिलेंडर में ब्लॉस्ट से बिल्डिंग ढही और उसमें दबने से 11 लोगों की मौत हो गई थी। छह लोग घायल भी हुए थे। बीकानेर जिले में यह अब तक का सबसे बड़ा हादसा था। पुलिस ने इसकी जांच पूरी कर ली है।
हालांकि हादसे की जांच पूरी हो गई है पर, कई सवाल अनसुलझे रह गए हैं। जैसे-बिना अनुमति बने मार्केट में सालों से नियमों की धज्जियां उड़ती रही, इसका जिम्मेदार कोई नहीं। बिना अनुमति छोटी सी जगह में पांच मंजिला मार्केट में 35 दुकानें बना दी गईं और किसी को पता ही नहीं चला। इसकी जिम्मेदारी किसकी बनती है। फायर एनओसी भी नहीं, इस पर किसी का ध्यान क्यों नहीं गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि अभियुक्त राजकुमार को यह संपत्ति अपने भाई दीनदयाल से गिफ्ट डीड प्राप्त हुई थी। मदान मार्केट में दो अंडरग्राउंड, ग्राउंडफ्लोर और उसके ऊपर दो मंजिल सहित पांच मंजिला भवन बना हुआ था। प्रत्येक फ्लोर पर सात दुकानों सहित कुल 35 दुकानों का निर्माण किया गया और बाहर निकलने के लिए संकरी गली छोड़ी गई। ज्यादा दुकानें ज्वैलरी की थीं।
बिल्डिंग बनाने के लिए स्वीकृति नहीं ली गई, फायर सैफ्टी का इंतजाम नहीं था। सात मई को सुबह सबसे निचले फ्लोर में असलम अली की दुकान में गैस सिलेंडर में गैस का रिसाव हुआ जिससे गैस भर गई और किसी के आग जलाने पर ब्लॉस्ट हो गया जिसमें 11 लोगों की मौत और 6 लोग घायल हो गए। कोतवाली थाने के एसएचओ जसवीर ने बताया कि मदान मार्केट में हादसे की जांच पुलिस ने पूरी कर ली है।
बिल्डिंग मालिक राजकुमार मदान को दोषी माना है। उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया है। मलबे से मिला सोना मृतकों के परिजनों को सौंपा गया है। नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष का कहना है कि हादसे के बाद बिल्डिंग ढहाने, मलबा हटाने सहित अन्य कार्यों में लगे खर्च की बिल्डिंग मालिक से वसूली की जाएगी। इसके लिए संबंधित ठेकेदार को बिल पेश करने के लिए कहा है। ठेकेदार बिल देगा और निगम का जेईएन उसे वेरिफाई करेगा। उसके बाद बिल्डिंग मालिक को राशि जमा कराने के लिए लेटर जारी किया जाएगा।