Female patient did not get treatment on time, died | समय पर नहीं मिला महिला मरीज को इलाज, मौत:…

जयपुर में सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में समय पर इलाज नहीं मिलने से आज एक महिला की डिलीवरी के बाद मौत हो गई। बताया जा रहा है कि डिलीवरी के बाद महिला को लगातार ब्लीडिंग हो रही थी, जिसे रोकने के लिए वहां डॉक्टरों और स्टाफ ने कुछ नहीं किया। इस कारण म
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जयपुर में सीकर रोड पर रहने वाले विनोद ने बताया- वह अपनी पत्नी तरूणा (26) को 19 अगस्त को 1 बजे भर्ती करवाने पहुंचा। पत्नी को भर्ती करने के बाद अगले दिन 19 को ही दिन में 12 बजे ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी की।
पति बताया- डिलीवरी के बाद से उसकी पत्नी की तबियत धीरे-धीरे खराब होने लगी और उसके ब्लीडिंग लगातार होने से रात होते-होते मेरी हालत बिगड़ गई। हम डॉक्टर और वहां मौजूद स्टाफ को बोलते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुना। कहां, सुबह जब सीनियर डॉक्टर आएंगे, तब वह इलाज के लिए आगे बताएंगे।
सुबह ऑपरेशन करके निकाली बच्चेदानी
मृतका के पति ने बताया- सुबह करीब 11 बजे जब सीनियर डॉक्टर वार्ड में पहुंची तो उन्होंने पत्नी को देखकर उसकी बच्चेदानी निकालने की बात कही। 20 अगस्त को दोपहर बाद वापस ऑपरेशन करके मेरी पत्नी की बच्चेदानी निकाली, लेकिन इसके बाद भी उसे आईसीयू में शिफ्ट न करने के बजाए कॉटेज वार्ड में शिफ्ट कर दिया।
20 यूनिट ब्लड चढ़ाया
मृतक के परिजन ने बताया- डिलीवरी के बाद से ऑपरेशन होने के बाद तक 20 यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। क्योंकि लगातार ब्लीडिंग होने से हीमोग्लोबिन बहुत कम हो गया था। लेकिन इलाज समय पर नहीं मिलने से उसकी पत्नी की 21 अगस्त की सुबह मौत हो गई। जिसके बाद वहां मौजूद स्टाफ और डॉक्टरों ने पुलिस बुलाई और डेडबॉडी को एसएमएस स्थित मोर्चरी में भिजवा दिया।
ब्लीडिंग हो तो 2-3 घंटे में इलाज मिलना जरूरी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर किसी महिला की डिलीवरी होने के बाद ब्लीडिंग होना बंद नहीं हो रहा हो तो उसे 2-3 घंटे के भीतर इलाज देना जरूरी होता है, ऐसा नहीं करने पर महिला मरीज डिसेमिनेटेड इंट्रावस्कुलर कोएगुलेशन (DIC) में चला जाता है, जिससे उसके शरीर में ब्लड रोकने की क्षमता खत्म हो जाती है। इस स्थिति में मरीज के मल्टीपल ऑर्गन्स फेल हो जाते है और उसकी मौत हो जाती है।
रिपोर्ट मांगी है, जो दोषी होगा कार्यवाही करेंगे
इस मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर दीपक माहेश्वरी ने बताया- मेरे पर इस मामले की सूचना आई है और मैंने खुद के स्तर पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले पर गायनी डिपार्टमेंट की एचओडी और हॉस्पिटल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। अगर कोई दोषी मिलता है तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।